Monday, Oct 02, 2023
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delhi extreme winters led to heart attack in delhi

ठंड और प्रदूषण ने बढ़ाए हार्ट अटैक के मामले

  • Updated on 1/4/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राजधानी (Delhi) में कड़ाके की ठंड (Winters) और प्रदूषण (Pollution) के प्रभाव ने वातावरण को हार्ट अटैक के लिए मुफीद बना दिया है। दिल्ली में भयंकर शीतलहर और प्रदूषण की स्थिति के कारण सामान्य दिनों के मुकाबले हार्ट अटैक के मामलों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है।

31 दिसम्बर से बढ़े मामले 
विशेषज्ञों ने इस स्थिति को लेकर चिंता जताई है और खासतौर से हृदय रोग के जोखिम वाले और अनियमित जीवनशैली जीने वाले लोगों को सतर्क रहने की भी सलाह दी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 20 से 31 दिसम्बर के बीच हार्ट अटैक वाले 15 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। इनमें से पांच मरीज तो वे थे, जिनकी कुछ साल पहले ही एंजियोप्लास्टी की गई थी।

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इन अस्पताल में लोग भर्ती
इसी दौरान आरएमएल अस्पताल में तीन, सफदरजंग में चार और जीबी पंत अस्पताल में हार्ट अटैक वाले 12 मरीजों को भर्ती किया गया। ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से ज्यादातर लोग पहले से ही हृदय रोग से पीड़ित हैं। डॉक्टरों के मुताबिक यह राहत की बात है कि इनमें से ज्यादातर मरीज खतरे से बाहर हैं। 

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एम्स में हृदय और श्वास के  25 प्रतिशत मरीज बढ़े  
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, ऐसे मौसम में हृदय व श्वांस रोगियों को काफी ध्यान देने की जरूरत है। सिर्फ एम्स की ही बात करें तो सामान्य दिनों के मुकाबले ओपीडी में मरीजों की तादाद में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सर्दी में गर्मी बरकरार रखने के लिए हमारे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। तापमान में गिरावट से धमनियों में संकुचन होता है। इससे रक्त प्रभाव में भी बाधा आ सकती है। वहीं हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी कम हो जाती है। यही कारण है कि सर्द मौसम में दिल का दौरा पडऩे का जोखिम अधिक होता है। 

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दूसरी ओर एम्स के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश यादव के मुताबिक हार्मोन के प्लाज्मा स्तर में बदलाव, उच्च रक्तचाप और पैर व हाथों में सूजन हार्ट अटैक के जोखिम से संबंधित संकेत हो सकते हैं। जोखिम से बचने के लिए रक्तचाप की निगरानी के साथ मधुमेह के स्तर को भी नियंत्रित रखना जरूरी है। 


 

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