Saturday, Mar 25, 2023
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दिल्ली: स्कूलों में बच्चों को सुनाई जाएंगी बचपन की कहानियां, डिप्टी CM ने लॉन्च किया वेब पोर्टल

  • Updated on 12/16/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मंगलवार को 300m.in कथा पोर्टल का उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि देश के तीस करोड़ बच्चों को कहानियों से जोड़ने वाला यह वेब पोर्टल काफी उपयोगी है। इससे बच्चों की पठन-पाठन क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी।

सिसोदिया ने कहा कि बचपन में ही बच्चों में कहानी पडऩे की आदत पैदा करना काफी उपयोगी है। इससे उनकी पठन क्षमता बड़ती है। जो बच्चे पडऩे में अटकते हैं, उनकी क्षमता कहानियों के माध्यम से बड़ाई जा सकती है। यही कारण है कि हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चुनौती और मिशन बुनियाद के माध्यम से बच्चों में पडऩे का स्तर सुधारने के लिए कहानियों का उपयोग किया है। इन कोशिशों में ‘कथा‘ संस्थान ने काफी सहयोग किया है। अब ऐसी कहानियों को वेब पोर्टल के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है। 

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यह कथा पोर्टल एक बड़े सपने को पूरा करेगा: सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि यह कथा पोर्टल एक बड़े सपने को पूरा करेगा। बचपन में पड़ी और सुनी गई कहानियों से हमारा माइंडसेट बनता है। अगर कंप्यूटर की भाषा में बात करें, तो हमारे माइंडसेट की प्रोग्रामिंग में बचपन में पड़ी या सुनी कहानियों की बड़ी भूमिका है। उन कहानियों की कुछ पंक्तियों का हमारे मन-मस्तिष्क पर असर हो जाता है। इसलिए कहानियों के माध्यम से बच्चों की क्षमता बड़ाने की यह काफी महत्वाकांक्षी परियोजना है।

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हैप्पीनेस और एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम में भी लिया कहानियों का सहारा
सिसोदिया ने कहा कि हैप्पीनेस और एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम में भी हमने कहानियों का सहारा लिया। इसके कारण हमें बच्चों तक सकारात्मक संदेश पहुंचाने और उन्हें देश दुनिया की चुनौतियां समझने योग्य बनाने में मदद मिलती है। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण घरों में रहने के दौरान बच्चों को कहानियों के जरिए बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। मैं ऐसे काफी बच्चों को जानता हूं जिन्होंने अपने पैरेंट्स से ऐसी कहानियां सुनीं, जो उन्होंने अपने पैरेंट्स से सुनी थी। ऐसी कहानियों और स्मृतियों से बच्चों की सीखने समझने की क्षमता काफी बड़ती है।

सिसोदिया ने कहा कि अलग-अलग उम्र, क्षेत्र और प्रोफाइल के लोग किस तरह की कहानियां पड़ते हैं, इसकी जानकारी मिलना भी काफी उपयोगी होगा। इस मौके पर ‘कथा‘ की संस्थापक गीता धरमराजन, संपादक डॉ. शिल्पी सरकार तथा कार्यकारी निदेशक परविंदर कौर सहित अन्य लोग शामिल हुए।

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