नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह त्रि नगर इलाके में उस स्थल का फिर से निरीक्षण करे, जहां हाल में खोली गई एक शराब की दुकान को स्थानीय लोग स्थानांतरित करने का आग्रह कर रहे हैं। जस्टिस रेखा पल्ली की एकल पीठ ने याचिका पर दिल्ली सरकार और आबकारी विभाग को नोटिस जारी कर उन्हें अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस पल्ली को स्थानीय निवासियों के वकील ने आश्वासन दिया कि उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है, इसलिए वे तुरंत‘धरना’खत्म कर देंगे।
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अदालत ने कहा, 'याचिका में की गई शिकायत की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, प्रतिवादी एक और दो (दिल्ली सरकार और आबकारी विभाग) को स्थल का नए सिरे से निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है।’’ साथ ही अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 13 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। दिल्ली सरकार और आबकारी विभाग की ओर से स्थायी अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी और वकील अरुण पंवार पेश हुए।
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अदालत ने याचिकाकर्ताओं में से एक को निरीक्षण में शामिल होने की भी इजाजत दी और कहा कि उसे तारीख और समय के बारे में सूचित किया जाए। अधिवक्ता एसपी शर्मा के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि त्रि नगर में कन्हैया नगर की मुख्य सड़क पर एक शराब की दुकान खोली गई है जो एक याचिकाकर्ता के घर के बगल में है, जबकि अन्य याचिकाकर्ता भी उसी इलाके में रहते हैं।
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उन्होंने याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता वहां अपने परिवारों के साथ रहते हैं और शराब की दुकान के बाहर बुरे तत्व एकत्र होते हैं जिस वजह से अप्रिय घटना की आशंका बनी रहती है। याचिका में अदालत से दुकान को हटाने या स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया है। इस बीच, एक अन्य याचिका एक शराब की दुकान के मालिक ने दायर की है, जिसमें प्रदर्शनकारियों से सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने यहां दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में इस दुकान ने आने जाने के रास्ते को बाधित कर दिया है।
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उच्च न्यायालय को गोविंदपुरी थाने के पुलिस र्किमयों ने आश्वस्त किया कि एसएचओ (थानेदार) सुनिश्चित करेंगे कि याची और उसके कर्मियों को दुकान में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए और प्रदर्शनकारी उनके लिए कोई परेशानी पैदा न करें, इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। शराब दुकान के मालिक ने कहा कि दुकान तक जाने वाले रास्ते को बाधित करने वाले प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए संबंधित थाने में कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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अदालत ने पुलिस अधिकारी की ओर से दिए गए आश्वासन को रिकॉर्ड में लेने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया। इससे पहले जंगपुरा-ए, चंदर नगर और गीता कॉलोनी के निवासियों ने भी आबकारी नियमों का उल्लंघन कर उनके क्षेत्रों में शराब की दुकाने खोलने के खिलाफ अदालत का रुख किया था। वहीं शराब दुकानों के कुछ मालिकों ने अपने परिसर के बाहर बैठे प्रदर्शनकारियों से सुरक्षा का आग्रह करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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