नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के लिए आम आदमी पार्टी सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए केंद्र सरकार की प्रतिनिधि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा है कि महापौरों के सम्मेलन में उनकी (मुख्यमंत्री की) उपस्थिति एक खराब उदाहरण बनेगा। केजरीवाल एक अगस्त को होने वाले एक सम्मेलन में शरीक होने के लिए सिंगापुर जाना चाहते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि उपराज्यपाल सक्सेना ने केजरीवाल को अगले महीने होने वाले विश्व नगर सम्मेलन में शरीक नहीं होने की सलाह दी है क्योंकि यह महापौरों का सम्मेलन है और इसमें शरीक होना किसी मुख्यमंत्री के लिए उपयुक्त नहीं होगा।
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केजरीवाल ने अपनी यात्रा के लिए अनुमति नहीं मिलने पर उपराज्यपाल को जवाब देते हुए एक ‘नोट’ में कहा कि यदि प्रत्येक संवैधानिक प्राधिकारी की यात्रा का फैसला उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले विषयों के आधार पर किया जाएगा तो प्रधानमंत्री भी कहीं नहीं जा सकेंगे। आप ने ट्विटर पर यह ‘नोट’ साझा किया है। वहीं, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस घटनाक्रम को ओछी राजनीति बताया। उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के लिए राजनीतिक अनुमति मांगने के वास्ते अब सीधे विदेश मंत्रालय का रुख करेगी। अधिकारियों ने कहा है कि मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा के लिए उपराज्यपाल की प्रशासनिक सहमति और विदेश मंत्रालय की अनुमति की जरूरत होगी।
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यह दूसरा मौका है जब केजरीवाल को किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने 2019 में उन्हें कोपेनहेगन सी40 वल्र्ड मेयर्स समिट में शामिल होने के लिए डेनमार्क जाने की अनुमति देने से मना कर दिया था। हालांकि, उन्होंने सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित किया था। सूत्रों ने बताया कि सक्सेना ने केजरीवाल की विदेश यात्रा के प्रस्ताव को इस बात का जिक्र करते हुए लौटा दिया कि यह महापौरों का सम्मेलन है और इसमें किसी मुख्यमंत्री का शरीक होना उपयुक्त नहीं होगा।
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सूत्रों ने बताया कि सक्सेना ने कहा कि सम्मेलन में शहरी शासन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी, जो दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद से जुड़े होंगे। उन्होंने बताया कि सक्सेना ने इस बात का भी जिक्र किया कि इस तरह के सम्मेलन में किसी मुख्यमंत्री के शरीक होने से एक खराब उदाहरण स्थापित होगा।
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सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने केजरीवाल को सम्मेलन में शरीक नहीं होने की सलाह दी क्योंकि यह महापौरों का सम्मेलन है। अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री पूर्व में इस सम्मेलन में शरीक हुए हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी राज्य से जुड़े मुद्दों के लिए जाते हैं। यह ओछी राजनीति है। हम अब राजनीतिक अनुमति के लिए सीधे विदेश मंत्रालय का रुख करेंगे और हमें उम्मीद है कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लेंगे। ’’
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