नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केपीएस मल्होत्रा ने शनिवार को मीडिया से गलत सूचना साझा करने की बात स्वीकार की। उन्होंने पहले बताया था कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 2018 में उनके द्वारा पोस्ट किए गए 'आपत्तिजनक ट्वीट’’ पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
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Arguments took place until lunch & judge reserved the matter for judgment. The judge hasn't come after lunch yet. Shocked to see that DCP KPS Malhotra has leaked in media that our bail plea has been rejected & 14-day judicial custody granted: Mohd Zubair's lawyer, Soutik Banerjee pic.twitter.com/S93jSQOf1f — ANI (@ANI) July 2, 2022
Arguments took place until lunch & judge reserved the matter for judgment. The judge hasn't come after lunch yet. Shocked to see that DCP KPS Malhotra has leaked in media that our bail plea has been rejected & 14-day judicial custody granted: Mohd Zubair's lawyer, Soutik Banerjee pic.twitter.com/S93jSQOf1f
दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) के उपायुक्त ने इससे पहले दिन में बताया था कि जुबैर की जमानत याचिका यहां अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जुबैर के वकील सौतिक बनर्जी ने हालांकि कहा कि अदालत द्वारा अब तक कोई आदेश नहीं दिया गया है।
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उन्होंने कहा, 'य़ह अत्यंत निंदनीय है और यह आज हमारे देश में कानून के शासन की स्थिति बयां करता है। यहां तक कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के बैठने और आदेश सुनाने से पहले ही पुलिस ने आदेश को मीडिया में लीक कर दिया है।’’
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आरोप के बाद मल्होत्रा ने जुबैर की न्यायिक हिरासत के बारे में मीडियाकर्मियों को गलत सूचित करने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने जांच अधिकारी (आईओ) से बात की, मैंने शोर के कारण गलत सुन लिया और अनजाने में संदेश प्रसारित हो गया।’’
दिल्ली पुलिस की गलत जानकारी भी सही निकली दिल्ली पुलिस की गलत जानकारी भी सही निकली है। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को ऑल्ट न्यूका के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी और आरोपी के खिलाफ अपराधों की प्रकृति व गंभीरता तथा जांच के प्रारंभिक चरण में होने का हवाला देते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। देर शाम अदालत के फिर से बैठने के बाद मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने फैसला सुनाया।
इससे पहले दिन में मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली पुलिस ने जुबैर की पांच दिन की हिरासत खत्म होने पर अदालत में कहा था कि उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए। जुबैर वर्ष 2018 में हिंदू देवता के बारे में कथित ‘‘आपत्तिजनक ट््वीट’’ करने के मामले में आरोपी है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, 'चूंकि मामला जांच के प्रारंभिक चरण में है और मामले के समग्र तथ्य और परिस्थितियां और आरोपी के खिलाफ कथित अपराधों की प्रकृति और गंभीरता के मद्देनजर, जमानत देने का कोई आधार नहीं है। तद्नुसार आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की जाती है। इसी के तहत आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।’’
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