नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति के माध्यम से राजधानी की सड़कों पर अधिक से अधिक बैटरी चालित वाहनों को दौड़ाना चाहती है। इससे राजधानी में होने वाला प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता में भी कमी आएगी। इस योजना के तहत दिल्ली को देश ही नहीं दुनिया की ईवी कैपिटल बनाने का टारगेट रखा गया है। इसके साथ ही परिवहन के क्षेत्र में कई योजनाओं पर काम चल रहा है ताकि राजधानी के निवासियों की सहूलियत में बढ़ोतरी हो सके। नवोदय टाइम्स के लिए आशुतोष त्रिपाठी ने दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश:
राजधानी को इलेक्ट्रिक व्हीकल कैपिटल बनाने के लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है। योजना के परिणाम कैसे हैं और सरकार का टारगेट क्या है? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सपना बहुत बड़ा है। वह दिल्ली को देश ही नहीं, दुनिया की ईवी कैपिटल बनाने की तैयारी करके चल रहे हैं। हमने दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लॉन्च की। इसके लिए हमने सभी संबंधित एजेंसियों और लोगों से बातचीत करके सारा खाका तैयार किया ताकि इस नीति को अपनाने और उस पर काम करने में कोई दिक्कत ना हो। इसी का परिणाम है कि दिल्ली में एक-डेढ़ साल में हुए वाहन रजिस्ट्रेशंस में 4.5 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन हुए।
सबसे बड़ी बात यह है कि ई वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुल्क और रोड टैक्स माफ है। इसके अतिरिक्त हम विभिन्न वाहनों पर अलग-अलग सब्सिडी भी देते हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए ऑटो के परमिट भी बड़ी संख्या में जारी किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि ई-ऑटो के 33 प्रतिशत परमिट महिलाओं को जारी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि आधी आबादी को बिना साथ लिए पूरी सफलता नहीं पाई जा सकती।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सुविधाएं और संसाधन किस तरीके से उपलब्ध कराए जा रहे हैं, उनको लेकर क्या योजना है? भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अगर सोलर एनर्जी से जोड़ दिया जाए तो यह और भी अच्छा होगा पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह काफी अच्छा रहेगा। हम चार्जिंग स्टेशन, बैटरी और अन्य सुविधाओं पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर डेढ़ लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। फोर व्हीलर के संग टू व्हीलर्स पर भी सब्सिडी है। किसी भी व्यक्ति को कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
ऑनलाइन सिस्टम के तहत सब्सिडी का पैसा वाहन खरीदने वाले के खाते में पहुंच जाता है। यही नहीं यदि कोई व्यक्ति अपने घर पर चार्जिंग स्टेशन लगवाना चाहता है तो 6000 रुपए की सब्सिडी भी मिलती है। इस स्टेशन के लिए बिजली भी घरेलू बिजली की कीमत से कम पर उपलब्ध कराई जाती है।
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन को लेकर सरकार तेजी से काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि हर 3 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाए। करीब 80 चार्जिंग स्टेशन बन गए हैं और बड़ी संख्या में अन्य स्टेशन बनाने का काम तेजी से चल रहा है। दिल्ली में जो भी पार्किंग हैं उनके भीतर 5 प्रतिशत जगह चार्जिंग स्टेशन के लिए फिक्स करने को लेकर भी प्लान बनाया गया है।
दिल्ली को ईवी कैपिटल बनाने के बाद प्रदूषण के स्तर पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा? रिसर्च के परिणाम और जो डाटा हमारे पास है उसके अनुसार करीब 20 प्रतिशत प्रदूषण जो दिल्ली में है वह विभिन्न तरीके के डीजल-पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के धुएं से होता है। यदि यह वाहन पूरी तरह से हट जाएं तो साफ है कि राजधानी से 20 प्रतिशत प्रदूषण कम हो जाएगा।
दिल्ली सरकार बड़ी संख्या में बसें खरीद रही है, इसको लेकर विपक्ष घोटाले का आरोप लगाता रहा है, इसमें क्या कहना है आपका? केन्द्र की जांच में किसी तरह की कोई खामी नजर नहीं आई। फिर भी, विपक्ष जब भी चाहे जांच करा सकता है। हम साफ नीयत व पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं, इसलिए हमें कोई डर नहीं है। बाकी विपक्ष का तो धर्म है, आरोप लगाना। हमारा तो प्रयास यही है कि दिल्ली के लोगों को अच्छे से अच्छा पानी, अच्छी शिक्षा, सस्ती बिजली और विभिन्न तरीके की अन्य सुविधाएं मिल सकें, इसी को लक्ष्य बनाकर हम काम करते हैं।
लोगों को परिवहन सेवा उनके घर के पास मिले, इसको लेकर किस तरह की योजना है? दिल्ली सरकार बसों की संख्या लगातार बढ़ा रही है। हमारा लक्ष्य है कि किसी भी व्यक्ति को उसके घर से अधिकतम 500 मीटर की दूरी पर परिवहन की सेवा जरूर मिले। यह अंतरराष्ट्रीय मानक है और इसे हम पूरा कर रहे हैं।
रीजनल ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में फेसलेस सर्विस शुरू हो गई है, कैसे परिणाम सामने आ रहे हैं? ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूअल हो या फिर अन्य किसी तरीके का काम हो, आरटीओ दफ्तर जाए बिना लोग सारे काम करवा रहे हैं। फेसलेस सर्विस शुरू की गई तो हमने भी नहीं सोचा था इतना अच्छा परिणाम आएगा। करीब 68000 लोगों ने ऑनलाइन सर्विस का उपयोग करते हुए प्राइवेट लर्निंग लाइसेंस बनवाया। इसमें खास बात यह है कि जो भी व्यक्ति लर्निंग लाइसेंस बनवाता है उसकी फोटो को कंप्यूटर उनके आधार कार्ड पर लगी फोटो से मैच कराता है, इसके बाद लाइसेंस बनता है।
आम आदमी पार्टी पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में भी सक्रिय है। चुनाव की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं, दिल्ली नगर निगम के भी चुनाव होने हैं। किस तरह की उम्मीदें नजर आ रही हैं? दिल्ली में जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। उसे पूरा देश देख रहा है और जिस तरह यहां पर शिक्षा व्यवस्था है, परिवहन व्यवस्था है और उसके साथ ही बिजली-पानी और अन्य सुविधाएं हैं।
उन सभी चीजों को दूसरे प्रदेशों की जनता देख रही है। दिल्ली का केजरीवाल मॉडल हर जगह पसंद किया जा रहा है। निश्चित रूप से अन्य प्रदेशों में जब चुनाव होंगे तो वहां पर आम आदमी पार्टी को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। हमारी इच्छा यही है कि दिल्ली के साथ ही हम दूसरे प्रदेशों और पूरे देश में लोगों की सेवा कर सकें। जनता हमें इसके लिए मौका दे।
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