Friday, Jun 02, 2023
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demand for medicinal plants increased in corona period pragnt

कोरोना काल में बढ़ी औषधीय पौधों की मांग, लोग सजा रहे हैं इनसे बालकनी

  • Updated on 7/13/2020

नई दिल्ली/ अनामिका सिंह। कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते लोगों का झुकाव प्रकृति को स्वच्छ रखने व खुद को फिट करने की ओर काफी बढ़ गया है। कोरोना को खुद से दूर रखने व कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी लोग अंग्रेजी दवाईयों की बजाय आयुर्वेद व देशी नुस्खों पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। यही वजह है कि आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा सुझाए गए उपायों को घर में ही आजमाने के लिए लोग बरसात आते ही औषधीय पौधे लगाने लगे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि बरसात की शुरूआत होते ही औषधीय पौधों की मांग में काफी तेजी आई है जोकि अमूमन काफी कम हुआ करती थी।

बता दें कि कोरोना को दूर करने में लोगों को आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए देशी व आयुर्वेदिक नुस्खे ज्यादा कारगर लग रहे हैं। लगातार मंत्रालय द्वारा औषधीय गुणों वाले पौधों के इस्तेमाल से इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाने की बात कही गई है। लोगों को भी इसके सकारात्मक प्रभाव उपयोग के बाद दिखने लगे हैं ऐसे में बना हुआ मार्केट से काढ़ा खरीदकर लाने की बजाय अब ऐसे औषधीय पौधों को लोग अपने घरों की बालकनी व छतों पर लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

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बढ़ी इनकी मांग
वहीं इन औषधीय पौधों की मांग को बढ़ाने में बरसात के मौसम ने भी काफी प्रभाव डाला है जिसके बाद गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, पोदिना, लैमनग्रास, मरवा, कालमेग व एलोविरा की मांग तेजी से बढ़ गई है। राजधानी की 75 साल पुरानी मस्जिद नर्सरी को चलाने वाले विक्रम सैनी ने बताया कि तुलसी की कई वेरायटी है लेकिन मांग रामा व श्यामा तुलसी सहित तुलसी की ही वेरायटी मरवा की ज्यादा है।

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इनके लिए बरसात का मौसम है सबसे अच्छा
ये सभी पौधे कम दरों में और आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इन्हें उगाने के लिए बरसात का मौसम सबसे बढ़िया माना जाता है, यही वजह है कि अब इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। यह कम मिट्टी व पानी में छोटे गमले में भी उग जाते हैं। बरसात के आगमन के साथ ही रोजाना कई दर्जन पौधे बिक रहे हैं जोकि अमूमन लोग 2 से 3 बिकते थे। पहले बरसात के मौसम में औषधीय पौधों की जगह लोग फूलों व सजावटी पौधों को खरीदना पसंद करते थे।

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कैसे कर रहे हैं लोग प्रयोग:
काढ़े के रूप में गिलोय, एलोविरा, कालमेग, पोदिना व अश्वगंधा इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर लोग पी रहे हैं। चाय में प्रयोग: वहीं तुलसी व लैमनग्रास की पत्तियों का प्रयोग लोग चाय की तरह कर रहे हैं। स्वादानुसार नमक व चीनी डालकर। 

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औषधीय पौधों के दाम:
औषधीय पौधे                    दाम

गिलोय                        50 रूपए
तुलसी                        50 से 80 रूपए
लैमनग्रास                    150 से 180 रूपए
अश्वगंधा                    80 से 100 रूपए
मरवा                        100 से 120 रूपए
कालमेग                    50 से 100 रूपए
पोदिना                        50 से 80 रूपए
एलोविरा                    100 से 150 रूपए

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