नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश में जहां एक तरफ पार्न के अंधाधुन इस्तेमाल पर कार्रवाई के लिए रोक चल रही है, वहीं एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री की खपत सबसे ज्यादा भारत में ही है।
एक रिपोर्ट में दिए गए आकड़ों के मुताबिक चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सवाल व सामाग्री रोजाना इंटरनेट पर 1,16000 बार सर्च की जाती है। यह आकड़े खुद इंडियन साइबर आर्मी के द्वारा जारी कि गए है। लाख कार्रवाईयों और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बाद भी भारत चाइल्ड पोर्नोग्राफी,संबंधित आपत्तिजनक सामग्री के उत्पादकों में भी काफी आगे है।
तेजी से बढ़ रहा है पॉर्न एडिक्शन, इसके एडिक्ट हो जाएं सावधान
अपलोड करने में केरल तो देखने में हरियाणा है अव्वल
रिपोर्ट के मुताबिक केरल में हर 40 मिनट के बाद ऐसे कंटेंट इंटरनेट पर अपलोड किए जाते है और हरियाणा पोर्नोग्राफी देखने में अव्वल है और जो भी कंटेट साइट पर अपलो़ड होते हैं उनसे से 35-38 फीसदी कंटेट चाइल्ड पोर्नोग्राफी से ही संबंधित होते है। यही नहीं इन कंटेट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले की-वर्डस भी स्कूल गर्ल्स, टीन्स और देसी गर्ल जैसे होते हैं जिन्हें अधिकतर सर्च किया जाता है। हर सेकेंड 380 लोगों द्वारा सर्च इंजन पर adult सर्च किया जाता है। यह बात भी सामने आई है कि इस तरह के कंटेंट अधिकतर मोबाईल फोन से सर्च किए जाते हैं।
पर्याप्त सजा का है प्रावधान
पवन दुग्गल, जो आईटी एक्सपर्ट के साथ-साथ वकील भी हैं उनका कहना है कि आई. टी. एक्ट के तहत इसके लिए पर्याप्त सजा का प्रावधान है लेकिन उन्हें उपयोग करने का तंत्र ढीला है। उन्होंने ये बताया कि सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए वैबसाइट्स को बंद करने की कोशिश में है जिसके लिए वह जांच कर रही है। साइबर जांच करने वाले रक्षित टंडन का कहना है कि शहरी बच्चे अपनी डेट के पर्सनल फोटो सोशल मीडिया द्वारा आपस में शेयर करते हैं। जो लीक कर के पॅार्न वैबसाइट्स पर डाल दिए जाते हैं। वह मैसेंजर एप पर ये फोटो तो शेयर कर तो लेते हैं पर इसके साइड इफेक्ट्स की जानकारी नहीं होती।
FB से उठाई जा रही हैं महिलाओं की तस्वीरें, पोर्न साइट पर डालकर किया जा रहा है ब्लैकमेल
सरकार उठा रही है कदम
हालांकि, केंद्र ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने इस साल जून में चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री वाले 3,522 वेबसाइटों को ब्लॅाक करने सहित ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट सेवा प्रदाता गूगल, याहू, फेसबुक और व्हाट्सएप को आपत्तिजनक वीडियो पर इनपुट सौंपने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने कंपनियों से चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री अपलोड किए जाने के बारे में मिली शिकायतों का ब्यौरा भरने को कहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया, स्थिति का...
देश का एक ऐसा गांव जहां पैदा होते ही हो जाती है बच्चे की मौत, 500...
टाटा नेक्सन ईवी मैक्स में आया नया अपडेट, ये खास फीचर्स हुआ शामिल
रेल हादसे में 261 की मौत, राहत एवं बचाव कार्य में वायुसेना के विमान...
हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिलने के बाद बीमार पत्नी से मिलने पहुंचे...
ओडिशा ट्रेन एक्सिडेंट इतिहास की भीषण दुर्घटना में से एक, पढ़ें कब- कब...
BJP ने बालासोर ट्रेन हादसे के बाद शनिवार को सरकार का वर्षगांठ...
रेल मंत्री ने रेल दुर्घटना स्थल का दौरा किया, कहा- राहत एवं बचाव...
अंकिता भंडारी के परिजन ने की हत्याकांड की पैरवी कर रहे विशेष लोक...
हरियाणा : पुरानी पेंशन की बहाली के लिए सरकारी कर्मचारियों का साइकिल...