Sunday, Apr 02, 2023
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धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण : कोर्ट ने यति नरसिंहानंद को न्यायिक हिरासत में भेजा

  • Updated on 1/16/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। हरिद्वार की एक अदालत ने हाल में धर्मसंसद का आयोजन कराने वाले यति नरसिंहानंद को रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हरिद्वार पुलिस थाने के थानाध्यक्ष रकिंदर सिंह कठैत ने बताया कि नरसिंहानंद को रोशनाबाद जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295 (क) और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है।  

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद को गंगा तट पर सर्वानंद घाट से शनिवार रात गिरफ्तार किया गया था जहां वह धर्म संसद मामले में एक अन्य आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में‘सत्याग्रह’कर रहे थे। हिंदू धर्म ग्रहण करने के बाद अपना नाम बदलकर त्यागी बने रिजवी भी जेल में हैं। 

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नरसिंहानंद ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया था जहां कुछ वक्ताओं ने मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर घृणा फैलाने वाले भाषण दिए थे। धर्म संसद घृणा भाषण मामले में हरिद्वार में नरसिंहानंद और त्यागी सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। मामले की जांच विशेष जांच दल कर रहा है। 

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खास बात यह है कि यति संविधान और सुप्रीम कोर्ट को लेकर भी बयानबाजी करता रहा है।  इसको लेकर विपक्ष भी भाजपा सरकार पर निशाना साधता रहा है। आप सांसद संजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'जिसको बाबा साहेब के द्वारा लिखे गए भारत के संविधान में भरोसा नही,उसको भारत में रहने हक़ नहीं, देश से भगाओ इन देश द्रोहियो को।'

सुल्ली डील्स मामले में ऐप के निर्माता की जमानत याचिका खारिज
दिल्ली की एक अदालत ने विवादास्पद ‘सुल्ली डील्स’ ऐप के कथित निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस समय उसे राहत देने से निष्पक्ष जांच प्रभावित होगी। जुलाई, 2021 में मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए गिटहब प्लेटफॉर्म पर ऐप बनाया गया था और मामला तब सामने आया जब दिल्ली पुलिस ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा छाउंकर ने बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद शनिवार को यह आदेश पारित किया। सुनवाई के दौरान पुलिस ने दावा किया कि यह पता चला है कि आरोपी‘ट्रेड महासभा’का सदस्य है और उसने गिटहब पर ऐप बनाया । उसने और अन्य लोगों ने ऑनलाइन नीलामी के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट कीं। 

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अदालत ने कहा,‘‘प्रथम दृष्टया, इस स्तर पर अभियुक्त के वकील की दलीलों में कोई दम नहीं है क्योंकि निश्चित रूप से नीलामी के लिये मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट करके उन्हें निशाना बनाया गया है।‘‘ अदालत ने कहा कि वह इस स्तर पर अदालत मामले के उन अजीबोगरीब तथ्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकती, जो आरोपी के कथित कृत्यों की गंभीरता को दर्शाते हैं। अदालत ने कहा,‘‘इसके अलावा प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और कथित कृत्यों के चलते समाज के बड़े वर्ग पर पड़े प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता।‘‘ अदालत ने कहा कि आरोपी ने जानबूझकर‘टोर ब्राउजर’का इस्तेमाल किया था ताकि उसकी पहचान का खुलासा न हो सके। 

अदालत ने कहा,‘‘जांच अभी शुरुआती चरण में है, जहां महत्वपूर्ण सबूत और आगे की घटनाओं का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। इस समय आरोपी को जमानत देने से निष्पक्ष जांच प्रभावित होगी।‘ ‘बुल्ली बाई’ ऐप मामले में मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई से पूछताछ के दौरान सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की आईएफएसओ इकाई ने ठाकुर को पिछले हफ्ते इंदौर से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बिश्नोई और ठाकुर इंटरनेट पर जुड़े हुए थे।

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