नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत को लंबे समय से राफेल का इंतजार रहा है और अब वो समय आ गया है जब राफेल फ्रांस से भारत आ रहा है। भारत सरकार और फ्रांस के बीच 36 राफेल फाइटर जेट्स की डील हुई थी। इसी डील के तहत पहले 5 राफेल भारत आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ये विमान हरियाणा के अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करने वाले हैं और अगले ही महीने इन्हें भारतीय वायुसेना में शामिल लर लिया जाएगा।
इंतजार होगा खत्म, आज भारत में लैंड होंगे Rafale फाइटर विमान
वहीं, राफेल को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। अब जबकि राफेल जेट भारत में आने को है तब एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
दिग्वजिय सिंह ने एक बार फिर इस डील की डिटेल्स सरकार द्वारा न देने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अब राफेल आने वाला है और इस डील की कीमत अब तो मोदी सरकार को बता देनी चाहिए।
आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। १२६ राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने २०१२ में फैंसला लिया था और १८ राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹७४६ करोड़ तय की गई थी — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। १२६ राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने २०१२ में फैंसला लिया था और १८ राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹७४६ करोड़ तय की गई थी
इस बारे में उन्होंने एक एक बाद एक कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा है, “आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। 126 राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने 2012 में फैंसला लिया था और 18 राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹746 करोड़ तय की गई थी”।
दिग्विजय ने इसके बाद एक और ट्विट किया। उन्होंने लिखा, “मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल 36 ख़रीदने का निर्णय ले लिया”।
इसके बाद दिग्विजय ने रक्षा मसौदे की बात करते हुए लिखा, “राष्ट्रीय सुऱक्षा का आँकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?”
यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर माँगते हैं तो मोदी जी की ट्रोल आर्मी और उनके “कठपुतली” मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं!! क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है? — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर माँगते हैं तो मोदी जी की ट्रोल आर्मी और उनके “कठपुतली” मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं!! क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?
इतना ही नहीं, दिग्विजय ने ये भी लिखा, यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर माँगते हैं तो मोदी जी की ट्रोल आर्मी और उनके “कठपुतली” मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं!! क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?” और आगे भी दिग्विजय ने कई ट्विट किए और मोदी सरकार से सवाल किए।
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