नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को कोचिंग के कारण डॉक्टर इंजीनियर बनने का सपना अधूरा नहीं रहेगा। क्योंकि अब सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 9वीं और 11वीं के छात्रों को शिक्षा निदेशालय की पहल पर जेईई मेन्स, जेईई एडवांस और नीट की कोचिंग कराई जाएगी। इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार करने को निदेशालय प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान को अनुबंधित करेगा।
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कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए चुने जाएंगे 9वीं-11वीं के छात्रों के बैच जो चुने गए छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान करेगा। निदेशालय ने इसके लिए जुलाई के पहले हफ्ते में एक टेंडर भी जारी कर दिया है। जहां संस्थान द्वारा आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 जुलाई रखी गई है। जिसके बाद 180 दिन के लिए एक संस्थान चुन लिया जाएगा। निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा कि हर वर्ष 9वीं के 150 और 11वीं के अधिकतम 150 छात्रों को कोचिंग के लिए चुना जाएगा।
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9वीं के छात्र को 4 वर्ष और 11वीं के छात्र को 2 वर्ष तैयारी का मिलेगा मौका जो छात्र 9वीं से चुने जाएंगे उनकी कोचिंग अवधि 4 वर्ष होगी। वहीं 11वीं में चुने गए छात्रों को 2 वर्ष कोचिंग प्रदान की जाएगी। इस कोचिंग के लिए निदेशालय 9वीं और 11वीं कक्षा का अलग अलग कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करेगा। जिससे निकले छात्रों को ही इस नि:शुल्क कोचिंग पहल का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा।
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