नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ (Toolkit) साझा करने के मामले में गिरफ्तार की गई जलवायु पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि जोसेफ (Disha ravi joseph) ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में याचिका दाखिल कर पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी जांच की कोई भी सामग्री मीडिया में लीक करने से रोकने का अनुरोध किया है।
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तीसरे पक्ष के बीच जानकारी लीक करने से रोका रवि के वकील अभिनव सेखरी ने कहा कि वह याचिका को उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने का इंतजार कर रहे हैं और इसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करेंगे। याचिका में मीडिया को उनके और तीसरे पक्ष के बीच व्हाट्सएप पर मौजूद किसी भी कथित निजी वार्तालाप की सामग्री या अन्य चीजें प्रकाशित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।
जैकेब और शांतनु अग्रिम जमानत पर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, जबकि मुम्बई की वकील जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी है।
दिशा को तुरंत रिहा करने की मांग तेज वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफॅ इंडिया (एनएसयूआई) ने पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए दिशा को तुरंत रिहा करने की मांग की। एनएसयूआई के प्रदर्शन करने पर पुलिस द्वारा एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, सतवीर चौधरी, हुसैन सुल्तानिया,शौर्यवीर चौधरी, कुनाल सहरावत, अर्जुन चपराना, रोहित राणा सहित दर्जनो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
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सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया इंचार्ज लोकेश चुग ने कहा कि 21 वर्षीय दिशा रवि ने किसानों के आंदोलन का भी समर्थन किया जो बात हमारी तानाशाही सरकार को हजम नहीं हुई। एनएसयूआई दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध करती है और पीएम मोदी से अनुरोध करती है कि आप हिटलर के रास्ते पर न चले अगर आपने हिटलर के रास्ते पर चलकर इस देश के युवाओं को ख़ामोश करने की कोशिश की तो इस देश का युवा आपकी सरकार उखाड़ फेकने में ज्यादा देर नहीं लगाएगा।
एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन का कहना है कि दिशा रवि जैसी साहसी लड़की को गिरफ्तार करके मोदी सरकार यह बताने का प्रयास कर रही है कि हमारे खिलाफ उठने वाली हर एक आवाज को बलपूर्वक शांत करवा दिया जाएंगा, लेकिन यह मोदीजी की गलत फहमी है। मोदीजी आप जितनी ताकत के साथ इस देश के युवाओं पर जुल्म करेंगे उससे ज्यादा दोगुनी ताकत के साथ इस देश का युवा आपके विरुद्ध खड़ा होंगा। मोदी सरकार ने 2014 से लेकर 2019 तक 191 सेडिशन के मामले दर्ज किए है, जिसमें से ज्यादतर आरोपी युवाओं को बनाया है और 191 में से सिर्फ 4 लोगों पर ही दोष सिद्ध हो पाया है, जिसका मतलब साफ है यह सरकार युवाओं की आवाज को अलोकतांत्रिक तरीके से काले कानूनों के जरिए दबाना चाहती है।
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