अब जब अनुच्छेद 35-ए, (Article 35 A) एक ऐसा कानून जो जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के गैर-निवासियों को राज्य में सम्पत्ति खरीदने से वंचित करता था, को निरस्त कर दिया गया है तो दूसरे राज्यों के लोग नए नक्काशीदार केन्द्र शासित प्रदेश में अचल सम्पत्ति के मालिक बन सकते हैं। हालांकि, निवेशकों के लिए इस कदम के बारे में बहुत स्पष्टता नहीं है। अनुच्छेद 35-ए के खत्म होने के दो दिन बाद भाजपा नेता निर्मल सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए एक अधिवास जैसे विकल्प का प्रस्ताव करेगी। इसका मतलब यह है कि जे.एंड के. निवासियों के हितों की रक्षा हेतु बाहरी लोगों को कृषि भूमि खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्रेडाई गाजियाबाद, जो एक उद्योग निकाय है, के अध्यक्ष और दिल्ली स्थित रियल एस्टेट फर्म एस.जी. एस्टेट्स के निदेशक गौरव गुप्ता का कहना है कि कई लोगों ने जम्मू-कश्मीर में एक घर बनाने का सपना देखा है लेकिन विशेष स्थिति के कारण वे ऐसा करने में सक्षम नहीं थे। अब बाजार खुला है और रियल एस्टेट की कीमतें इस क्षेत्र में बढ़ेंगी। यदि आप वास्तव में यू.टी. में एक सम्पत्ति खरीदने में रुचि रखते हैं तो क्या आपको पहले ही इसका लाभ उठाना चाहिए या क्या आपको इसका इंतजार करना चाहिए।
वर्तमान स्थिति विशेषज्ञों ने कहा कि इन सभी अस्पष्टताओं को दूर करने के लिए एक लम्बा समय लगेगा क्योंकि जम्मू-कश्मीर एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है। रियल एस्टेट कंसल्टैंसी फर्म अनारकली प्रॉपर्टी कंसल्टैंट्स प्रा. लिमिटेड के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि यह क्षेत्र दशकों से विवादास्पद रहा है, कोई भी पक्ष वहां ‘वेट एंड वॉच’ मोड में निवेश करने में दिलचस्पी रखेगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिदृश्य अगले कुछ महीनों में कैसे सामने आता है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है। रियल एस्टेट गतिविधि अतीत में जम्मू-कश्मीर में सीमित रही है क्योंकि सीमा पार से संघर्ष के कारण यह क्षेत्र असुरक्षित है। पुरी ने कहा, ‘‘आॢटकल 370 और 35-ए की समाप्ति के बाद भी यह कुछ समय के लिए राजनीतिक रूप से विवादास्पद रहेगा और इसमें स्पष्टता व निश्चितता आने तक किसी भी निवेश की सम्भावना नहीं रहेगी।’’
आगे क्या है हालांकि इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि सरकार के इस कदम से जम्मू-कश्मीर में निवेश पर क्या असर पड़ेगा, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में सम्पत्ति की कीमतें बढ़ सकती हैं। दिल्ली स्थित रियल एस्टेट फर्म सिग्नेचर ग्लोबल के सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष और रियल एस्टेट, आवास और शहरी विकास पर उद्योग निकाय एसोचैम के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल कहते हैं कि बहुत सारे डिवैल्पर्स अब सम्पत्ति विकास में लिप्त होंगे। हालीडे होम्स, किराए के आवास और कार्यालय व वाणिज्यिक स्थानों जैसे खंड अब इस क्षेत्र में समृद्ध होंगे। कुछ महीनों के बाद चीजें पूरी तरह से नियंत्रण में होंगी और लोग वास्तव में जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं। किफायती आवासीय योजनाओं के साथ आगे आने की जरूरत है और हम निश्चित रूप से इसे प्राप्त करने में योगदान देना चाहेंगे।
वाणिज्यिक अचल सम्पत्ति सेवा फर्म जे.एल.एल. इंडिया में प्रबंधन, खुदरा सेवाओं के प्रबंध निदेशक शुभ्रांशु पाणि ने कहा कि राज्य में पर्याप्त लोग हैं जो अचल सम्पत्ति में निवेश को लेकर बहुत सतर्क रहे हैं क्योंकि उग्रवाद और राजनीतिक परिदृश्य बहुत अनुकूल नहीं थे। बाहरी लोगों से पहले, मुझे लगता है कि ये राज्य के निवासी होंगे जो अब निवेश करने से डरेंगे नहीं।’ हालांकि, अब वे सोचते हैं कि जम्मू में अचल सम्पत्ति को जीवन का एक नया पट्टा मिलेगा लेकिन कश्मीर क्षेत्र के बारे में अनिश्चितता है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए जम्मू-कश्मीर में निवेश करने से पहले आपको कई कारकों पर ध्यान देना होगा क्योंकि अभी तक अनिश्चितता है। इंटरनैशनल मनी मैटर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोवई नवलखी ने कहा कि आपको खुद से बुनियादी सवाल पूछने चाहिएं कि आप अतिक्रमण के खिलाफ खुद को कैसे संभालेंगे या सम्पत्ति का प्रबंधन कैसे करेंगे। कई अन्य परिवर्तनों की संभावना है जो कीमतों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए अब कुछ शुरूआती धारणाओं के साथ निवेश करना लम्बे समय में सही नहीं हो सकता है।
अन्य विशेषज्ञ भी सोचते हैं कि आपको अगले कुछ महीनों तक इंतजार करना चाहिए। प्रतीक्षा करें और देखें कि आने वाले महीनों में घाटी में राजनीतिक परिदृश्य कैसे सामने आता है। यदि क्षेत्र निवासियों के लिए सुरक्षित हो जाता है तो संभवत: इसके अचल सम्पत्ति बाजार में कुछ गति आ सकती है, विशेष रूप से आतिथ्य क्षेत्र में क्योंकि यहां आतिथ्य क्षेत्र में बहुत अधिक अप्रयुक्त क्षमता है। पुरी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में किसी भी अचल सम्पत्ति की गतिविधि के लिए कथित सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
इंवेस्टोग्राफी प्रा. लिमिटेड की प्रमाणित वित्तीय योजनाकार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संस्थापक श्वेता जैन भी संभावित निवेशकों को थोड़ी देर के लिए इंतजार करने की सलाह देती हैं। जैन ने कहा, ‘हालांकि यह एक सकारात्मक शुरूआत है लेकिन इससे पहले कि मैं लोगों को उनके पैसे लगाने का सुझाव दूं, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के संदर्भ में बहुत-सी चीजें करने की जरूरत है।’
नवलखी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वृद्धि के लिए रियल एस्टेट की काफी संभावना है। ‘ताॢकक रूप से, अगर कम लोग (जे. एंड के. निवासी) हैं जो अपनी अचल सम्पत्ति बेच सकते हैं जो उनके स्वामित्व में है और अधिक लोग (शेष भारत) खरीद सकते हैं, तो कीमतों को ऊंचाई की ओर बढऩा चाहिए’। हालांकि, सौदे के लिए जल्दबाजी दिखाना नासमझी होगी। अचल सम्पत्ति, कम रिटर्न और दूरदराज के प्रबंधन, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर जैसे क्षेत्र में समस्याओं के कारण निवेश की सलाह नहीं दी जाती। जो लोग क्षेत्र में सम्पत्ति खरीदने में रुचि रखते हैं, उन्हें बादलों के छंटने का इंतजार करना चाहिए।
-डी. संघवी
‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना...
जदयू को छोड़ने वाले अजय आलोक को भाजपा ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त...
CBI ने दो मणिपुरी किशोर छात्रों की हत्या के मामले में 4 लोगों को...
बिहार में जाति आधारित आंकड़े आने के बाद राहुल गांधी बोले- भारत के...
गांधीवाद पर पाखंड और गोडसे का महिमामंडन करने वालों को बेनकाब करेगी...
अजय माकन को पवन बंसल की जगह कांग्रेस का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया
बंगाल की जनता के बकाए का भुगतान होने तक आंदोलन जारी रहेगा: TMC नेता...
SEBI ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अफवाह का खंडन या पुष्टि करने की...
दिल्ली में ISIS का मोस्ट वांटेड आतंकवादी शाहनवाज गिरफ्तार
राहुल गांधी पहुंचे अमृतसर, स्वर्ण मंदिर में टेका मत्था