नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इस बार रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर काफी संशय की स्थिति बनी हुई है। राजधानी दिल्ली में कुछ परिवार जहां 11 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मना रहे हैं, वहीं कुछ परिवार इसे 12 अगस्त को मनाएंगे।
दरअसल 11 अगस्त को भद्रा होने की वजह से परेशानी उत्पन्न हो रही है, लेकिन रक्षाबंधन को लेकर पंडितों व ज्योतिषियों का कहना है कि रक्षाबंधन का श्रेष्ठ दिन 12 अगस्त है। झंडेवाला देवी मंदिर के पंडित अंबिका प्रसाद ने बताया कि यह दुविधा अलग-अलग पंचाग की वजह से उत्पन्न हुई है।
11 अगस्त को सुबह 7 बजे से 10:49 तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बन रहा है, लेकिन सूर्योदय में पूर्णिमा नहीं आ रही है। बाद में भद्रा लग जा रहा है जोकि सुबह 10:50 से लेकर रात्रि 8:51 तक है। शास्त्रों में रक्षाबंधन सूर्यअस्त व भद्रा में नहीं बांधा जाता है।
रक्षाबंधन 2022 की खास बातें - इस बार रक्षाबंधन की तिथि दो दिन रहेगी। 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी।
- हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार हमेशा सावन पूर्णिमा तिथि और सावन नक्षत्र में मनाया जाता है। ऐसे में 11 अगस्त को सुबह 6 बजकर 53 मिनट से श्रावण नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा और पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो जाएगी।
- इस बार रक्षाबंधन के दिन यानी 11 अगस्त 2022 को सुबह से ही भद्रा काल शुरू हो जाएगी जो शाम तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार भद्रा और राहुकाल के दौरान किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
- 11 अगस्त को भद्रा पूरे दिन रहेगी। लेकिन अलग-अलग पंचांगों में भद्रा का समय भिन्न रह सकता है। कुछ पंचांगों में भद्रा सुबह 10 बजकर 38 मिनट से लेकर रात के 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगी।
- शास्त्रों में राहुकाल को भी अशुभ माना गया है। 11 अगस्त को राहुकाल दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से लेकर 03 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
- 11 अगस्त को भद्रा पूंछ का समय शाम 05 बजकर 17 मिनट से लेकर 06 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। वहीं भद्रा मुख का समय शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 08 बजे तक है।
- 11 अगस्त को प्रदोषकाल में रक्षासूत्र बांधा जा सकता है। इस दौरान प्रदोष काल भद्रा पूंछ शाम 05 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा 11 अगस्त को भद्रा की समाप्ति होने पर यानी रात 08 बजकर 52 मिनट से लेकर 09 बजकर 13 मिनट के बीच राखी बांधी जा सकती है।
- कुछ ज्योतिषाचार्य और विद्वान पंडित के अनुसार सूर्यास्त के बाद राखी नहीं बांधी जा सकती है। ऐसे में राखी का त्योहार 12 अगस्त को मनाने की सलाह दे रहे हैं।
- शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा तिथि और श्रावण नक्षत्र लगने पर ही मनाया जाता है। ऐसे में पूर्णिमा तिथि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 5 मिनट तक ही रहेगी। 12 अगस्त को पूर्णिमा तीन मुहूर्त न होने कारण मान्य नहीं होगी। जब भद्रा का वास पृथ्वी लोक में होता है तब यह अशुभ, कष्टकारी और बाधा डालने वाली होती है।
- पंचांग गणना के अनुसार 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के लगने से साथ ही भद्रा शुरू हो जाएगी। 11 अगस्त को भद्रा के दौरान चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, इस कारण से भद्रा का वास पाताल लोक में माना जाएगा। पाताल लोक में भद्रा को अशुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाना शुभ रहेगा। ऐसी ज्योतिष के जानकारों का मनाना है।
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