नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभागों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्थायी नियुक्ति के जो विज्ञापन निकाले गए थे, उन पदों को समय पर नहीं भरने के कारण विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो गई है।
इस सम्बंध में डीयू विद्वत परिषद सदस्य ने एमएचआरडी मंत्री, यूजीसी चेयरमैन और डीयू वाइस चांसलर को पत्र लिख इन पदों के लिए जल्द से जल्द कोरिजेंडम निकालने की मांग की है, क्योंकि सारे विज्ञापन रद्द हो चुके हैं। साथ ही पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों के लिए 10 प्रतिश सीटों के बढ़ गई है।
एसी सदस्य प्रो.हंसराज ने मांग की है कि कोरिजेंडम निकालकर कॉलेजों के पिं्रसिपलों को सर्कुलर भेजा जाए। साथ ही परमानेंट अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया को पुन: शुरू किया जाए ताकि लंबे समय से रुकी हुई नियुक्तियों को शुरू किया जा सके। साथ ही कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 प्रतिश सीटें बढने का सर्कुलर कॉलेजों को भेजा जा चुका है।
यह सर्कुलर अभी छात्रों के दाखिले के सम्बंध में भेजा गया है और कहा गया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2019-20 से इसे लागू करना है। डीयू में जिन पदों पर स्थायी नियुक्ति होनी थी, यूजीसी के पत्र के आने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया एकबार फिर से रूक गई है।
हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) के संयुक्त सचिव डॉ. जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयोंं और डीयू के कॉलेजों के पिं्रसिपलों को पत्र आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के लिए कहा है कि सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में संविधान के 103 वें संशोधन के अनुसार आरक्षण देते हुए उनके प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए यह नीति त्वरित गति से लागू करें।
जिस तरह से विभागों व कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश के लिए सीटें बढ़ेंगी ठीक उसी प्रकार से शिक्षकों की सीटों में भी इजाफा होग डीयू विभागों में शिक्षकों की लगभग 500 और कॉलेजों में 2500 शिक्षकों की सीटें बढऩे के आसार हैं।
प्रो.हंसराज ने यूजीसी से मांग की है कि शैक्षिक सत्र 2019-20 शुरू होने से पहले कॉलेजों को जल्द से जल्द स्वीकृत पदों के आधार पर पदों को भरने की स्वीकृति दे, जिससे समय पर नियुक्ति की जा सके। साथ ही बढ़े हुए शिक्षकों की जानकारी के बाद नियुक्ति के आदेश दे।
कॉलेजों के पास नहीं है संसाधन हाल ही में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। आगामी शैक्षिक सत्र 2019-20 से यह आरक्षण छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों पर लागू होगा।
कॉलेजों में जैसे ही छात्रों की सीटें बढ़ेंगी कॉलेजों को इसके लिए छात्रों के लिए कमरे, साइंस लैब,लाइब्रेरी, सीटिंग अरेंजमेंट, परीक्षा के लिए अतिरिक्त साधन, डेस्क के अलावा ऑफिस आदि की आवश्यकता पड़ेगी। यह तभी सम्भव है जब यूजीसी इन साधनों के लिए फंड का प्रावधान जल्द दें, लेकिन अगर यूजीसी फंड नहीं देगा तो आगामी शैक्षिक सत्र से एडमिशन संभव नहीं।
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