नई दिल्ली। टीम डिजिटल। तलवार की रानी, भारत की वीरांगना बेटी भवानी की तलवार को लेकर ई-आॅक्शन में रूझान बढता जा रहा है। मालूम हो कि भवानी देवी ने वो कमाल कर दिया जो बढे-बढे तलवारबाज भी नहीं कर पाए। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक्स में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय फेंसर बनी हैं। यही नहीं टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने अपना पहला मुकाबला भी जीतकर इतिहास रच दिया। हालांकि वो अगले मुकाबले में पदक की दौड से बाहर हो गईं थीं लेकिन जहां तक वो पहुंची वह भारत के मस्तक को बुलंद करने के लिए काफी था। जो था कभी शहर फिरोजाबाद........अब दिखते हैं अवशेष
आठ बार रहीं हैं भवानी राष्ट्रीय चैंपियन मालूम हो कि तमिलनाडु की रहने वाली भवानी देवी का पूरा नाम है चडलवादा आनंद सुंदररमन भवानी देवी है। उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत साल 2003 में की लेकिन तलवारबाजी से उनका दूर दूर का कोई रिश्ता नहीं था दरअसल वो जब स्कूल के खेलों में हिस्सा लेने पहुंची तो खेलों के लिए सभी क्लास से छह-छह बच्चों के नाम लिए जा रहे थे। जब भवानी अपना नाम लिखवाने पहुंची तो सभी खेलों में बच्चों का चयन हो चुका था। सिर्फ तलवारबाजी में किसी बच्चे ने नाम नहीं लिखवाया था। भवानी ने इस नए गेम में नाम लिखवाया और ट्रेनिंग शुरू कर दी। बाद में उन्होंने इसी खेल पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया। तलवारबाजी में आठ बार राष्ट्रीय चैंपियन रहीं भवानी ने ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला जीत कर इतिहास रच दिया। भवानी के भारत लौटने पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनका स्वागत किए जाने के अवसर पर उन्होंने प्रधानमन्त्री को वह तलवार जिससे अपना मुकाबला जीता था प्रधानमंत्री को भेंट कर दी। इस तलवार से देश का गौरव बढा है और अब इसे खरीदने के लिए लोग बोली लगा रहे हैं। इस तलवार की कीमत शुक्रवार शाम तक 61 लाख रूपए तक जा पहुंची है। बता दें कि 17 सितंबर से शुरू हुआ ई-आक्शन 7 अक्तूबर 2021 तक चलेगा। अपनों ने छोडा अस्थियों को लावारिस, फोरम करेगी गयाजी जाकर पिंडदान
पहले आइएएस के बैडमिंटन पर भी है सबकी नजर नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज ने बेडमिंटन के मेंस सिंगल्स प्रतियोगिता में ना केवल सिल्वर मेडल जीता बल्कि इतिहास भी रच दिया। अभी तक पैरालिंपिक खेलों में एक प्रशासनिक अधिकारी का यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। उनके बैडमिंटन पर अभी भी सबकी नजर बनी हुई है क्योंकि वो सेवा और खेल का एक बेहतरीन संगम हैं। उनके बैडमिंटन की कीमत 50 लाख बनी हुई है। जलजनित रोगों को रोकने के लिए लोग करें एनडीएमसी का सहयोग: सतीश उपाध्याय
बीते साल भी बना था नीलामी का रिकार्ड साल 2019 में भी प्रधानमंत्री को मिलने वाले उपहारों की नीलामी हुई थी। इस ई-आॅक्शन के दौरान सरकार ने 15 करोड 13 लाख रूपए हासिल किए थे और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन पर इस पूरी राशि को गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे कोष में जमा किया गया था। इस बार भी राशि नमामि गंगे कोष में प्रदान की जाएगी।
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