नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के पश्चिम कामेंग में आज सुबह भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। यहा सुबह 4:09 बजे भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के अनुसार रिक्टर पैमाने पर 2.3 की तीव्रता का भूकंप रहा।
An earthquake of magnitude 2.3 on the Richter scale, was reported in West Kameng of Arunachal Pradesh at 4:09 am, today: National Center for Seismology — ANI (@ANI) February 8, 2021
An earthquake of magnitude 2.3 on the Richter scale, was reported in West Kameng of Arunachal Pradesh at 4:09 am, today: National Center for Seismology
वहीं जम्मू कश्मीर में सोमवार सुबह 4.56 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.5 रही। इसके अलावा असम में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार, यहां भूकंप के झटके दोपहर 1:49 मिनट पर महसूस किए गये थे। यहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई। भूकंप का केंद्र राज्य के नागांव में था।
दिल्ली में भूकंप लेकिन पिछले महीने 11 तीरीख का जो भूकंप आया था उसकी तीव्रता अधिक थी। तब भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई थी और थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल हो गया था।
बता दें कि दिल्ली में 28 जनवरी कोे सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र पश्चिमी दिल्ली में था, राहत की बात ये रही कि इस दौरान किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई।
देश में लगातार महसूस किए जा रहे हैं भूकंप भारत में बीते कुछ महिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में 10 से 15 दिनों के अंतराल पर लग रहे ये झटके किसी बड़ी हलचल का भी संकेत हो सकते हैं। वैज्ञानिक भी लगातार अपनी स्टडी में किसी बड़े भूकंप की आशंका जाहिर कर चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि निकट भविष्य में ये भूकंप किसी बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं।
एक स्टडी में कही गई ये बड़ी बात दरअसल, हिमालय में आने वाले बड़े भूकंप की बात एक हालिया स्टडी में की गई है। इस अध्ययन में जिओलॉजिकल, हिस्टोरिकल और जियोफीजिकल डेटा की समीक्षा कर भविष्यवाणी की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं होगी अगर ये भीषण भूकंप हमारे जीवनकाल में ही आ जाए। इस अध्ययन में स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में हिमालय क्षेत्र में आने वाले भूकंप की सीक्वेंस की भी 20वीं सदी में एलेयूटियन जोन में आए भूकंप जितनी हो सकती है।
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