Saturday, Dec 09, 2023
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उत्तराखंड की आर्थिक विकास दर 7 फीसद से ऊपर रहने का अनुमान

  • Updated on 3/14/2023

भराड़ीसैंण (गैरसैंण), शेषमणि शुक्ल। राज्य का आर्थिक विकास दर इस साल 7 फीसद से ज्यादा रहने का अनुमान है। राज्य विधानसभा में मंगलवार को प्रदेश सरकार की ओर से पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक वर्ष 2022-23 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 3.02 लाख करोड़ अनुमानित किया गया है। वहीं, प्रति व्यक्ति आय में भी बीते वर्ष के सापेक्ष 10.05 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,33,000 रहना अनुमानित है।

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वार्षिक बजट लाने से पहले प्रदेश सरकार ने 2022-23 का अपना आर्थिक रोडमैप जारी करते हुए बताया कि सरकार के मुख्य वित्तीय साधन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर, कर रहित राजस्व, केंद्रीय करों में भाग तथा केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान हैं। वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 51,474.27 करोड़ अनुमानित है। 2021-22 के सापेक्ष 17.79 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। वहीं राजस्व प्राप्तियों में करों से कुल प्राप्त आय वर्ष 2022-23 में 24,500.72 करोड़ आंकी गई है, जो 2021-22 के सापेक्ष दो फीसद की वृद्धि अनुमानित है।

राज्य में करेत्तर राजस्व जिसमें विशेष कर ब्याज प्राप्ति, ऊर्जा, परिवहन तथा अन्य प्रशासनिक सेवाओं से प्राप्त आय सम्मिलित है, वर्ष 2022-23 में 5,520.79 करोड़ अनुमानित है। केंद्रीय करों में राज्य का भाग 9,130.16 करोड़ आंका गया है। जीएसटी तथा वैट करों से प्राप्त आय 8,404.96 करोड़ आंकी गई है, जो कुल राजस्व प्राप्ति का 16.32 प्रतिशत है।

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कराधान में दिसम्बर 2022 तक कुल राजस्व संग्रह 9,327.64 करोड़ रहा, जिसमें 1,790.53 करोड़ रुपये प्रतिकर धनराशि भी शामिल है। यह बीते वर्ष की राजस्व प्राप्ति 10051.30 करोड़ रुपये से 7 प्रतिशत कम है। इसी अवधि में पेट्रोलियम प्रोडक्ट एवं नेचुरल गैस तथा शराब पर प्राप्त करों को छोड़ कर 7,418.33 करोड़ रुपये राजस्व कर अर्जित किया गया। जो 2022 में 8,359.08 करोड़ रुपये थी। इस लिहाज से राजस्व प्राप्ति में करीब 11 फीसद की गिरावट अनुमानित है। जबकि, जीएसटी की परिधि से बाहर रखे वस्तुओं पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और नैचुरल गैस तथा शराब पर दिसम्बर 2022 तक कुल 1,909.31 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो बीते साल से करीब 13 फीसद ज्यादा है।


आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य की सकल प्राप्तियों में व्यापार कर व मूल्यवर्धित कर का योगदान लगभग 66 फीसद है। सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,33,000 हो जाएगी, जो बीते वर्ष के सापेक्ष 10.05 फीसद ज्यादा है। वहीं, राज्य का जीडीपी 3.02 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है। इसी के साथ राज्य की आर्थिक विकास दर 7 फीसद तक पहुंचने की उम्मीद है। बीते तीन वर्षों के आय के तुलनात्मक विश्लेषण से सरकार ने 2022-23 में करों में 8.84 प्रतिशत और अन्य प्राप्तियों में 109.82 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित की है।

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आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार आईजीएसटी सेटलमेंट के तहत 2022-23 में 1,860.79 करोड़ रुपये रहा, जो बीते वर्ष 1,332.51 करोड़ था। इसमें करीब 39.64 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं, दिसम्बर 2022 तक स्टाम्प एवं निबंधन से 1454.06 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो बीते वर्ष के सापेक्ष 34.96 फीसद ज्यादा रहा। वित्तीय अनुशासन बरतते हुए राज्य का राजकोषीय़ घाटा जीडीपी के अधिकतम 3 फीसद की सीमा में निरंतर बनाए रखा गया है। सरकार की ओर से सबसे ज्यादा शिक्षा के क्षेत्र में व्यय का अनुमान है। इसके बाद सामान्य प्रशासनिक सेवाओं पर व्यय होगा और स्वास्थ्य व्यय में भी बीते वर्ष के सापेक्ष वृद्धि अनुमानित है।

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