Saturday, Dec 02, 2023
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ed director case, court asked center - is whole department full of unqualified people

ED निदेशक मामले में कोर्ट ने केन्द्र से पूछा- क्या पूरा विभाग अयोग्य लोगों से भरा पड़ा है?

  • Updated on 7/27/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 15 अक्टूबर तक बढ़ाने के अनुरोध पर बृहस्पतिवार को केन्द्र सरकार को फटकार लगायी और सवाल किया कि निवर्तमान प्रमुख के अलावा क्या पूरा विभाग ‘अयोग्य लोगों से भरा पड़ा है।'

इस टिप्पणी के बाद उच्चतम न्यायालय ने ईडी प्रमुख मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर तक बढ़ाते हुए यह स्पष्ट किया कि इसके बाद कार्यकाल विस्तार प्रदान नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने केन्द्र की ओर से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पीठ ने कहा, ‘‘क्या हम यह छवि पेश नहीं कर रहे हैं कि और कोई नहीं है और पूरा विभाग अयोग्य लोगों से भरा पड़ा है।''

शीर्ष विधि अधिकारी ने दलील दी कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की समीक्षा के मद्देनजर ईडी के मौजूदा नेतृत्व का बने रहना आवश्यक है क्योंकि एफएटीएफ की रेटिंग मायने रखती है। मेहता ने कहा कि मिश्रा का रहना ‘अनिवार्य नहीं है' लेकिन उनकी उपस्थिति पूरी समीक्षा प्रक्रिया और रेटिंग के लिए आवश्यक है।

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी राजू ने कहा, ‘‘कुछ पड़ोसी देश चाहते हैं कि भारत एफएटीएफ की ‘ग्रे सूची' में पहुंच जाए और ऐसे में ईडी प्रमुख का पद पर बने रहना आवश्यक है।'' पीठ ईडी प्रमुख मिश्रा का कार्यकाल 15 अक्टूबर तक बढ़ाने का अनुरोध करने वाली केन्द्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

शीर्ष अदालत ने मिश्रा को लगातार दो बार एक-एक साल का कार्यकाल विस्तार दिए जाने को 11 जुलाई को ‘गैरकानूनी' बताया था और कहा था कि केन्द्र सरकार का यह आदेश 2021 के उसके फैसले के विपरीत है जिसमें उसने कहा था कि भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी को और कार्यकाल विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए। न्यायालय ने नवंबर तक लिए मिश्रा को मिले कार्यकाल विस्तार को छोटा करके जुलाई 31 तक कर दिया था। 

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