नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। शिवसेना (Shiv Sena) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की पत्नी वर्षा राउत (Usha Raut) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन भेजा है। पीएमसी बैंक घोटाले (PMC Bank Scam Case) को लेकर वर्षा राउत को ये समन जांच के मामले में भेजा गया है। ईडी ने वर्षा राउत को 29 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है।
वहीं ईडी के समन के बाद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें सूत्रों ने बताया कि इस मामले में प्रवीण राउत नाम के एक अन्य आरोपी की पत्नी के साथ वर्षा राउत का 50 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है। वर्षा राउत को उसी लेन-देन के संबंध में बुलाया गया है। हालांकि वर्षा राउत की ओर से कहा गया कि इसे संपत्ति की खरीद के लिए उधार लिया गया है।
संजय राउत का ट्वीट इस मामले में आज ईडी ने पीएमसी बैंक घोटाला मामले में जांच में शामिल होने के लिए वर्षा को समन जारी किया है। वहीं, ईडी के समन के बाद संजय राउत ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि, आ देखें जरा किसमें कितना है दम, जमके रखना कदम मेरे साथिया।
pic.twitter.com/LAECXwg5UJ — Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 27, 2020
pic.twitter.com/LAECXwg5UJ
दरअसल कुछ दिन पहले ही प्रवीण राउत को ईडी ने गिरफ्तार किया था। प्रवीण के अकाउंट से जो ट्रांजेक्शन वर्षा राउत के अकाउंट में हुआ था उसे लेकर ईडी जानकारी जुटाना चाहती है।
बता दें कि इस मामले में वर्षा राउत को ईडी ने तीसरी बार समन भेजा है। नियम कहता है कि, अगर कोई व्यक्ति लगातार तीन समन स्किप करता है तो ईडी उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया वहीं इस मामले में कई नेतायों की प्रतिक्रिया भी आ रही है। इस मसले पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, मैंने संजय राउत परिवार को ईडी के नोटिस के बारे में सुना, क्या श्री राउत हमें बताएंगे कि क्या उनका परिवार लाभार्थी है? इनके अलावा बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि, ये राजनीतिक बदले की कार्रवाई नहीं है। जब महाराष्ट्र सरकार पुलिस और अधिकारियों के माध्यम से कुछ लोगों पर कार्रवाई करती है और दूसरों के घरों को तोड़ती है तब वो ऐसा नहीं बोलते, लेकिन जब केंद्रीय एजेंसी संजय राउत के परिवार को नोटिस भेजती है तो इसे बदले की कार्रवाई कहा जाता है, ये किस तरह के दोहरे मापदंड हैं।
क्या है मामला पीएमसी बैंक ने एक रियल इस्टेट डेवलपर को करीब 6500 करोड़ रूपये लोन देने के लिए नकली बैंक खातों का उपयोग किया। जिसका पता पिछले साल आरबीआई को लगा था। आरबीआई ने इसके बाद बैंक से पैसे निकालने पर लिमिट लगा दी। फिर ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी की जांच शुरू कर दी। जांच में बैंक के पूर्व एमडी और पूर्व चेयरमैन के साथ ही बैंक के कई वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
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