Friday, Sep 29, 2023
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effect of corona: doctors getting mentally disturbed

कोरोना का असर : मानसिक तौर पर परेशान हो रहे डॉक्टर

  • Updated on 9/14/2021

एम्स ने की काउंसिलिंग की खास व्यवस्था
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। 
कोरोना संक्रमण और उससे उपजी समस्याओं का असर अब चिकित्सकों पर भी दिखने लगा है। इन परेशानियों से जूझते हुए बड़ी तादाद में डॉक्टर मानसिक समस्याओं की चपेट में आ गए हैं।

मोराल इंजरी की चपेट में डॉक्टर :
  एम्स के मनोचिकित्सा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार चड्डा के मुताबिक बड़ी संख्या में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मोराल इंजरी से पीड़ित हो रहे हैं। यह स्थिति हैरान करने वाली है। इस तरह का सिंड्रोम काफी समय के बाद सामने आया है।

बेबस महसूस करते हैं पीड़ित :
डॉ. चड्डा के मुताबिक कई बार डॉक्टरों के सामने जो स्थिति आती है, उसमें खुद को वे बेबस महसूस करने लगते हैं। कोरोनकाल में स्वास्थ्यकर्मी इस तरह की परिस्थितियों से गुजरे हैं। कोरोनकाल में पूरी क्षमता से उपचार देने के बाद भी कई मरीजों को बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों के सामने ही मरीजों की मौत हो गई। 

डिप्रेशन कस सकता है शिकंजा :
डॉ चड्डा के मुताबिक एम्स में भी काफी तादाद में डॉक्टरों को मानसिक विकारों से प्रभावित पाया गया है। समय रहते अगर इन्हें उपचार नहीं दिया गया तो डिप्रेशन में चले जायेंगे। इससे बचने के लिए काउंसिलिंग की जरूरत है। डॉ. ममता सूद के मुताबिक ऐसी स्थिति में स्वास्थ्यकर्मियों को सही और गलत के बीच का अंतर समझाने की जरूरत होती है। यह जरूरी है किं समय रहते वह अपने मन की बात साझा करें।

चार हफ्ते की काउंसिलिंग करेगा एम्स :
एम्स ने इस चुनौती से निपटने के लिए चार हफ्ते का काउंसिलिंग सत्र शुरू किया है। इस सत्र में बड़ी तादाद में चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए। एम्स में आगामी 16 से 18 सितंबर तक एशिया पैसेफिक हाइब्रिड कांग्रेस का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन मनोरोग विभाग, राष्ट्रीय ड्रग निर्भरता चिकित्सा केंद्र, डब्लूएएसपी के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा। इसमें विश्व के 600 से अधिक मनोरोग विशेषज्ञ शिरकत करेंगे।

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