नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ पिछले 30 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सात प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने बीते दिन विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिखकर अपने भारतीय समकक्ष के साथ भारत में चल रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन का मुद्दा उठाने का आग्रह किया।
इसमें समूह में भारतीय-अमेरिकी महिला सांसद प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं। लेकिन भारत ने विदेशी नेताओं और राजनेताओं द्वारा किसानों के विरोध पर की गई टिप्पणियों को ''अनुचित" और ''अधूरी व गलत सूचना पर आधारित'' बताया है। साथ ही भारत ने यह भी कहा है कि यह मामला एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित है।
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ट्रूडो ने किया था समर्थन इससे पहले कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने भारत में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा साथ रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्थिति पर चिंता जतायी थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई उच्चायुक्त को आज विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और सूचित किया गया कि भारतीय किसानों से संबंधित मुद्दों पर कनाडाई प्रधानमंत्री, कुछ कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में अस्वीकार्य हस्तक्षेप के समान है। इसके साथ ही एक दूत को आपत्ति पत्र भी सौंपा गया।
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ब्रिटेन में भी मच सकता है बवाल किसानों के मुद्दे को लेकर ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) की प्रतिक्रिया लेने के लिए भारतीय मूल के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वह तमाम दूसरे ब्रिटिश सांसदों की तरफ से लिखे गए पत्र को पीएम जॉनसन को देंगे और इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करने का आग्रह करेंगे। जॉनसन गणतंत्र दिवस पर भारत के राजकीय मेहमान होंने जा रहे हैं। अनुमान है कि अगर आंदोलन चलता रहा तो उनके भारत आने का रास्ता भी कठिन हो सकता है।
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विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब जिसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक से यह भी कहा गया गया कि ऐसी गतिविधि अगर जारी रही तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को‘गंभीर क्षति’पहुंचेगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के मुददे पर कनाडा के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी की वजह से कनाडा में हमारे मिशन के सामने भीड़ जमा हुयी जिससे सुरक्षा का मुद्दा खड़ा होता है। विदेश मंत्रालय ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार भारतीय राजनयिकों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। इससे पहले कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने भी भारतीय किसानों के आंदोलन पर टिप्पणी की थी।
इस बारे में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि "हमने कुछ अधूरी सूचनाओं पर आधारित टिप्पणियों को देखा, जो भारत में किसानों से जुड़ी हुई हैं। यह टिप्पणियां अनुचित हैं, साथ ही यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हैं।"
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