नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने निर्णायक बढ़त बना ली है तो असम में भी सत्तारूढ़ भाजपा और केरल में वाम मोर्चा एक बार फिर से जीत की तरफ बढ़ते नजर आ रहे हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से यही संकेत मिलता है कि इन राज्यों में सत्तापक्ष एक बार फिर सरकार बनाने की ओर अग्रसर है तो तमिलनाडु में विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन अन्नाद्रमुक को सत्ता से बेदखल की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में एआईएनआरसी नीत राजग जीत की तरफ बढ़ रहा है।
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इन चार प्रदेशों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चा पश्चिम बंगाल के चुनाव की रही। वहां पर तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में आक्रामक चुनाव प्रचार किया तो भाजपा ने वहां पहली बार सत्ता में आने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई दूसरे बड़े चेहरों ने पश्चिम बंगाल में धुआंधार चुनाव प्रचार किया। कई दशकों तक पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज रहे वाम दलों और कांग्रेस का इस चुनाव में सफाया हो गया।
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शुरुआत के कुछ चरणों की मतगणना के रुझानों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में संघर्ष करती नजर आईं। वह अपने पूर्व सहयोगी और अब भाजपा में शामिल हो चुके शुभेंदु अधिकारी से पीछे चल रही हैं। पश्चिम बंगाल में मत प्रतिशत की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस 48.5 प्रतिशत वोट हासिल करती दिख रही है। भाजपा को 37.4 प्रतिशत वोट मिलता नजर आ रहा है। असम में भाजपा की अगुवाई वाली राजग एक बार फिर से सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है। राजग 126 सीटों में से 79 पर बढ़त बनाए हुए है। इनमें से भाजपा के उम्मीदवार 62 सीटों पर आगे हैं।
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कांग्रेस की अगुवाई वाला ‘महाजोत’ असम में सिर्फ 38 सीटों पर बढ़त बना सका हैं। इनमें से कांग्रेस 25 सीटों पर आगे है। चुनाव नतीजों से खुश असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम निश्चित रूप ये यह कह सकते हैं कि भाजपा सरकार बनाएगी। हम अपने साथियों असम गण परिषद और यूपीपीएल के साथ एक बार फिर से सत्ता में आ रहे हैं।’’
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केरल में पिछले चार दशकों यह परिपाटी टूटती नजर आ रही है कि हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन होगा। इस बार माकपा की अगुवाई वाला एलडीएफ फिर से सरकार जीत हासिल करता नजर आ रहा है। यह गठबंधन के दो प्रमुख घटक माकपा और भाकपा कुल 71 सीटों पर आगे हैं। राज्य में कुज 140 विधानसभा सीटें हैं। दक्षिण भारत में भाजपा के लिए अच्छी खबर यह है कि वह केरल में तीन और तमिलनाडु में चार विधानसभा सीटों पर आगे है। अब तक इन दोनों राज्यों में भाजपा अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करती रही है।
तमिलनाडु में एक दशक तक सत्ता में रहने के बाद अन्नाद्रमुक हार की तरफ बढ़ती नजर आ रही है। वह 234 सदस्यीय विधानसभा की सिर्फ 79 सीटों पर आगे है। प्रदेश में विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है। राज्य में यह पहला चुनाव है जिसमें द्रमुक एम करुणानिधि और अन्नाद्रमुक जयललिता की गैरमौजूदगी में चुनाव लड़ रही हैं। दोनों नेताओं का कुछ साल पहले निधन हो गया। चुनाव आयोग ने विजय जुलूस निकालने और भीड़ जमाकर जश्न बनाने पर रोक लगाई है, लेकिन कई स्थानों पर कुछ पाॢटयों के कार्यकर्ता जीत का जश्न मनाते देखे गए।
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