Friday, Jun 09, 2023
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क्या भाजपा के गढ़ मुंबई उत्तर में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगी उर्मिला 

  • Updated on 4/28/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मुंबई उत्तर लोक सभा सीट (Mumbai North Lok Sabha seat) ऐसा क्षेत्र है जहां भाजपा (bjp) के मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी (Gopal Shetty) के खिलाफ कांग्रेस (congress) कोई उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही थी, लेकिन अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) को इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने से कांग्रेस (congress) अब मुकाबले में आती दिख रही है।

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 यह राज्य में भाजपा (bjp) की सबसे पुख्ता सीटों में से एक है और पूर्व निगम पार्षद, कई बार विधायक रहे शेट्टी ने 2014 के आम चुनावों में मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) को 4.46 लाख मतों से शिकस्त दी थी।   राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखने वालों के मुताबिक निरुपम के इस सीट से इस बार चुनाव न लड़ने की इच्छा व्यक्त करने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में थोड़ी हताशा थी।

उन्होंने कहा कि मातोंडकर ने सियासी मुद्दों को लेकर अपनी स्पष्टता से कई लोगों को चौंका दिया और यह भी साफ कर दिया कि भाजपा को यहां चुनौती का सामना करना पड़ेगा और यह सीट उसके लिये आसान नहीं होने वाली। मुंबई उत्तर जहां देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्रों में से एक थी, लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद इसका क्षेत्र कम हुआ। 

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दहीसर के बाद के इलाकों को जहां पालघर सीट में शामिल कर दिया गया वहीं मगाठाणे, चारकोप, कांदीवली (पूर्व) और मलाड (पश्चिम) जैसे नए विधानसभा क्षेत्रों को बढ़ते उपनगरों मलाड और कांदीवली से अलग कर मुंबई उत्तर सीट में शामिल किया गया। बढ़ती आबादी, आवास, स्वास्थ्य देखभाल और परिवहन यहां मुख्य मुद्दे हैं और यहां के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की कुछ आदिवासी बस्तियों में सुविधाओं की कमी भी अहम मुद्दा है। 

इस लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा क्षेत्रों में से चार-दहीसर, बोरीवली, कांदीवली (पूर्व) और चारकोप-भाजपा के पास हैं। मगाठाणे अभी शिवसेना के पास है जबकि मलाड (पश्चिम) का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के असलम शेख कर रहे हैं। इलाके में 18 लाख मतदाता हैं और 2014 के लोकसभा चुनावों में 53.07 प्रतिशत मतदान इस सीट पर हुआ था।

 मतदाताओं के साथ अपने सहज संपर्क का जिक्र करते हुए मातोंडकर ने कहा कि यह सहानुभूति और सम्मान से आता है जिनसे आप वोट मांग रहे हैं। उन्होंने मीडिया को बताया, 'मैं उनमें से ही एक हूं और उनसे मुझे अपना प्रतिनिधि बनाने को कह रही हूं। अगर मुझे मौका मिला और मैं उनकी उम्मीदों को पूरा कर सकी, जिसका मुझे भरोसा है कि मैं करूंगी, तो मैं एक नेता कहलाउंगी।’ 

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जानकारों के यह कहने के बावजूद कि मराठी मत इस सीट पर निर्णायक होंगे, मातोंडकर का दावा है कि वह मराठी कार्ड’ नहीं खेल रही हैं। वहीं शेट्टी के समर्थकों का मानना है कि जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ और उनके द्वारा इलाके में किये गए काम की बदौलत वह एक बार फिर चुनावी बाजी जीतेंगे।

 शेट्टी ने कहा कि उन्हें अपने काम पर भरोसा है और 2004 के चुनावों में अभिनेता गोविंदा को चुनने का लोगों का बुरा अनुभव रहा है।’ उन्होंने इस बात से इनकार किया कि छोटे कारोबारी जीएसटी लागू किये जाने के बाद भाजपा से नाराज हैं। 

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