Tuesday, Dec 05, 2023
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even the rain could not dampen the spirit of the beating retreat

बारिश भी नहीं डिगा सकी बीटिंग रिट्रीट का जज्बा, सशस्त्र बलों के बैंड ने समा बांध दिया

  • Updated on 1/30/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली के ऐतिहासिक विजय चौक पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट के जज्बे को बारिश भी डिगा नहीं सका और सशस्त्र बलों के बैंड ने भारतीय शास्त्रीय धुनों को बजाकर समा बांध दिया। इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन हो गया। समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन से शुरू हुआ। उनका स्वागत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

बीटिंग रिट्रीट समारोह संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए आश्रय क्षेत्र से बाहर निकले, जिसकी वजह से वह भीग गए। पहली बार नार्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के अग्र भाग पर ‘3डी एनमॉर्फिक प्रोजेक्शन'' किया गया। थलसेना, वायुसेना, नौसेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)के संगीत बैंड ने कुल 29 भारतीय धुन बजाए। जमीन गीली होने के बावजूद कदमों की आवाज पर कोई असर नहीं हुआ और समारोह की शुरुआत ‘अग्निवीर' धुन से हुई।

इसके बाद ‘ अल्मोड़ा'', ‘केदारनाथ'', ‘संगम दुर'' और ‘सतपुड़ा की रानी'', ‘ भागीरथी'' और ‘कोंकण सुंदरी'' धुन बजाई गई। वायुसेना के बैंड ने ‘अपराजेय अर्जुन'', ‘चरखा'', ‘वायु शक्ति'', ‘स्वदेशी''धुन बजाये, जबकि नौसेना के बैंड ने ‘‘एकला चलो रे'', ‘हम तैयार है'' और ‘जय भारती'' धुन पर समा बांध दी। थलसेना के बैंड ने ‘शंखनाद'', ‘ शेर-ए-जवान'', ‘भूपल'', ‘अग्रणी भारत'', ‘यंग इंडिया'', ‘कदम कदम बढ़ाए जा'', ‘ड्रमर कॉल'' और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों'' का मधुर धुन छेड़ा।

समारोह का समापन सदाबहार धुन ‘सारे जहां से अच्छा'' के साथ हुआ। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम की वजह से ड्रोन शो को रद्द कर दिया गया, जिसमें देश में ही निर्मित करीब 3,500 ड्रोन हिस्सा लेने वाले थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ड्रोन शो खराब मौसम की वजह से नहीं हो सका। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गई थी।

समारोह के प्रधान संचालक फ्लाइट लेफ्टिनेंट लियामपोकपम रूपचंद्र सिंह थे, जबकि सेना के बैंड का नेतृत्व सूबेदार मेजर दिग्गर सिंह ने किया। नौसेना और वायुसेना बैंड के कमांडर क्रमश: एम एंथनी राज और वारंट ऑफिसर अशोक कुमार रहे। राज्य पुलिस और सीएपीएफ बैंड के संचालक की जिम्मेदारी सहायक उप निरीक्षक प्रेम सिंह ने संभाली।

बिगुल वादन का नेतृत्व नायब सूबेदार संतोष कुमार पांडेय ने किया, जबकि पाइप और ड्रम वादन सूबेदार मेजर बसवराज वागे के नेतृत्व में हुआ। इस समारोह का इतिहास वर्ष 1950 से शुरू होता है, जब भारतीय सेना के तत्कालीन मेजर रॉबर्ट ने बैंड के साथ विशेष स्वदेशी समारोह विकसित किया।

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