नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को धन शोधन के एक मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी। कप्पन की जमानत याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने पारित किया । कप्पन वर्तमान में लखनऊ की जिला जेल में निरुद्ध हैं।
कप्पन को तीन अन्य लोगों - अतिकुर रहमान, आलम और मसूद के साथ पीएफआई के साथ कथित तौर पर संबंध रखने और हिंसा भड़काने के षड़यंत्र का हिस्सा होने के लिए मथुरा में गिरफ्तार किया गया था। कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और आईटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने एक अन्य मामले में नौ सितंबर को कप्पन को जमानत दे दी थी। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलें ध्यान में रखते हुए जमानत के लिए कई शर्तें लगाई थीं जैसे जेल से रिहा होने के बाद वह अगले छह सप्ताह दिल्ली में रहेगा और हर सप्ताह सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में निजामुद्दीन पुलिस थाना को रिपोर्ट करेगा।
विपक्षी दलों और पत्रकारों की संस्थाओं ने कप्पन को जमानत दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया था। उनका दावा है कि कप्पन को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बलि का बकरा बनाया गया ।
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