नई दिल्ली/टीम डिजिटल। National Family Health Survey के मुताबिक में देश में नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा 1000 बच्चों पर 34 है। इसमें से 10 प्रतिशत बच्चों की मौत सिर्फ जन्मजात दिल की बीमारियों से हो रही है।
सर्वे के आंकड़े कहते हैं कि लगभग हर साल 1 लाख 50 हजार बच्चे दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं लेकिन अगर इन पर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो इन मौतों को रोका जा सकता है।
इसे देखते हुए कई सारे संस्थान इस समस्या से लड़ने के लिए एक साथ आए हैं और congenital heart diseases (CHD) को लेकर एक कैंपेन चलाने की तैयारी मे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बैठके करनी शुरु कर दी हैं।
अपने ही बनाए गए नियमों से पलटी बीजेपी, अब भाजपा में उम्र पर पाबंदी खत्म
आजकल की बात करें तो नवजात बच्चों में शारीरिक परीक्षण, भ्रूण स्कैन या इन दोनों तरीकों से 72 प्रतिशत मामलों का पता लगाया जाता है। वहीं नाड़ी ऑक्सीमेट्री के प्रयोग से 92 प्रतिशत तक इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। इससे लगभग 52,000 बच्चों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
सीसीएचडी स्क्रीनिंग से सेप्सिस, सांस संबंधी बिमारियां, फेफड़े की बीमारी, हाई ब्ल्ड प्रेशर और इंफेक्शन सहित कई जन्मजात समस्यों का पता लगा सकते हैं।
इससे पहले कई देश इस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। अमेरिका, सऊदी अरब, स्वीडन, नॉर्वे, श्रीलंका, चीन और ऑस्ट्रेलिया में पहले इस विधि का अनिवार्य किया जा चुका है। समय रहते स्क्रीनिंग करने से अमेरिका के आठ राज्यों नवजात बच्चों की मौतों में 33 प्रतिशत की गिरावट आई है।
भाजपा अध्यक्ष पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा- कौन हैं नड्डा
त्रिवेन्द्रम एयरपोर्ट का अदानी द्वारा अधिग्रहण किए जाने पर...
मोदी सरकार की किसानों से 10वें दौर की वार्ता के अगले दिन होगी SC...
दिल्ली दंगे: कोर्ट का पुलिस को आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड सुरक्षित...
मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध में भाग लेंगे शरद पवार,...
किसान यूनियन नेता बोले- पुलिस प्रशासन को ट्रैक्टर रैली पर रोक नहीं,...
Night Bulletin: सिर्फ एक क्लिक में पढ़ें, अभी तक की 5 बड़ी खबरें
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड को मजबूती देने के लिए गांव के स्तर पर...
आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवक 26 जनवरी को किसान ‘ट्रैक्टर परेड’ में...
अनिल घनवट बोले- कानूनों को रद्द करना लंबे समय में जरूरी कृषि सुधार के...