Thursday, Sep 28, 2023
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ईवीएम हैकिंग मामला: सैयद शुजा के 11 साथियों और माता-पिता की हुई थी हत्या

  • Updated on 1/23/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जहां एक तरफ पहले से ही विपक्ष ईवीएम मशीनों की सत्यता पर सवाल उठाता रहा है वहीं एक बार फिर ईवीएम के हैक होने के लेकर एक और खुलासा हुआ। हाल ही में लंदन में भारतीय पत्रकार संघ (IJA) यूरोप द्वारा आयोजिक एक प्रेस कांफ्रेस हैकथॉन के दौरान सैयद शुजा, जोकि एक साइबर एक्सपर्ट है और ईवीएम डिडाइन टीम के साथ काम कर चुका है, ने दावा किया है कि भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीने आसानी से हैक हो सकती हैं। उसने कहा वो खुद इन मशीनों को हैक कर सकता है। शुजा का कहना है कि 2014 के चुनाव में कई पार्टियों ने ईवीएम हैक करके चुनावों में धांधली की थी। आएये जानते हैं कौन है सैयद शुजा?

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सैयद शुजा भारतीय पत्रकार संध यूके की तरफ से जारी किए गए दस्तावेजों के आधार पर बताया जा रहा है कि शुजा को मार्च 2018 में अमेरिका में शरण मिली। दस्तावेजों के आधार पर शुजा की जन्मतिथि 4 अप्रैल 1981 बताई जा रही है। शुजा ने जो दस्तावेज दिए हैं उनके आधार पर Win Solutions नाम की कंपनी के साथ पेरोल पर था साथ ही ECIL में भी पोस्टेड था। ECIL के साथ शुजा ECIL के मुख्यालय सनत नगर (हैदराबाद) में ही रहा। आपको बता दें कि ECIL यानी इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड चुनाव आयोग के लिए ईवीएम बनाती है। 

लंदन में आयोजित प्रेस कॉफ्रेस में शुजा ने बताया कि हैदराबाद के पास उप्पल इलाके में एक गेस्ट हाउस में उनके टीम के 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।  उसका दावा है कि वह गेस्ट हाउस बीजेपी के विधायक जी. किशन रेड्डी के ब्रदर-इन-लॉ 'काकी रेड्डी' का है और वह हत्या के समय वहां मौजूद थे।

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वहीं किशन रेड्डी ने सोशल मीडिया पर लिखती हुए कहा कि, 'मुझे बेवजह ही इस मामले में उछाला जा रहा है। उनपर लगे सभी आरोप झूठे हैं। पूरी कहानी झूठ के आधार पर गढ़ी गई है, जिसे दिल्ली में कांग्रेस के लोगों ने लिखी है, जो नाकाम रहेगी।' 

शुजा का ये भी आरोप है कि उसके माता पिता की भी हत्या की गई है। 17 मई 2014 को उसके घर में आग लगा दी गई थी और उसके पिता यूसुफ अहमद और मां कुदसिया सैयदा मारे गए थे। शुजा के मुताबिक उसके पिता यूसुफ ने 2006 तक BEL के साथ काम करते थे। 

ECIL का इस मामले पर कहना है कि शुजा जो दावे कर रहे हैं कि साल 2009 से 2014 तक वो कंपनी के कर्मचारी थी, पूरे तरह झूठे हैं। ECIL ने कहा कि पुराने रिकार्ड के आआधर पर पाया गया है कि शुजा कभी इस कंपीन का हिस्सा रहे ही नहीं। वहीं इस इवेंट को होस्ट करने वाली कंपनी ने भी इस पूरे मामले से पीछा छुड़ा लिया है। 
 

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