Wednesday, Mar 22, 2023
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ex- new liquor policy was made with the approval of lg baijal- manish sisodia

Ex- LG बैजल की मंजूरी से बनी थी नई शराब पॉलिसी- मनीष सिसोदिया

  • Updated on 8/6/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में अपना रुख बदलने का आरोप लगायाष उन्होंने दावा किया कि इसके कारण उनकी सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

सिसोदिया ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भेज दी है। बैजल ने इस मामले में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सिसोदिया ने कहा, ‘नयी आबकारी नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं। तत्कालीन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी।’

उन्होंने आरोप लगाया कि नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर को तत्कालीन उपराज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से अनुमति लेनी होगी।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, ‘तत्कालीन उपराज्यपाल के रुख में बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। दूसरी ओर, जो दुकानें खोली गई थीं, उन्होंने काफी कमाई की।’

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने जब नयी आबकारी नीति तैयार की थी, उस समय बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल थे। इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था। सरकार ने अब यह नीति वापस ले ली है और वह एक सितंबर से अपने उपक्रमों के माध्यम से पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है। सिसोदिया ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि बैजल ने अपना रुख क्यों बदला, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ और सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि पूर्व राज्यपाल ने क्या किसी दबाव में यह फैसला किया और क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का इससे कोई संबंध है। मौजूदा उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसके तहत शहर के 32 जोन में शराब की खुदरा बिक्री के लिए निजी कंपनियों को लाइसेंस जारी किए गए थे।

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