नई दिल्ली/टीम डिजिटल। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को एक और झटका लगा है। पूर्व राज्य खुफिया अधिकारी रश्मि शुक्ला ने पिछले अगस्त में तत्कालीन डीजीपी सुबोध जायसवाल को एक पत्र भेजा था जिसमें ट्रांस्फर के नाम पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। सात पन्नों के पत्र में कुछ व्यक्तियों की बीच बातचीत का एक संक्षिप्त सारांश भी है।
दरअसल, सीओएआई ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर 25 अगस्त 2020 को डीजी और एसीएस होम को सौंपी थी। अपर मुख्य सचिव गृह के उचित अनुमति के बाद कुछ कॉल इंटरसेप्ट कराए गए थे। दावा किया गया कि उनके पास 6.3 जीबी का कॉल इंटरसेप्ट डाटा है। जिसमें वरिष्ठ आईपीएस गैर आईपीएस जूनियर अधिकारियों राजनेताओं के नाम शामिल हैं। इसके अलावा देशमुख, राकांपा प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कई राजनीतिक नेताओं के नाम गिनाते हुए सुना गया है।
मनसुख हत्याकांड : महाराष्ट्र ATS ने जब्त की दमन से एक कार
केंद्रीय गृह सचिव को सौंपे गए सबूत इस पत्र की सामग्री मिलने के बाद भाजपा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मिले और एक सीलबंद लिफाफा सौंपा। जिसमें पुलिस ट्रांसफर और पोस्टिंग सौदों से संबंधित 6.3GB रिकॉर्ड शामिल हैं। सीबीआई जांच की मांग करते हुए फडणवीस ने कहा कि यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार किसी को बचाने की कोशिश कर रही है। अगर जरूरत पड़ी तो हम अदालत जाएंगे।
अनिल देशमुख ने शुक्ला को बताया 'भाजपा का एजें' वहीं दूसरी ओर अनिल देशमुख ने शुक्ला को 'भाजपा का एजें' बताया। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि शुक्ला ने बिना अनुमति के फोन टैप किए थे और आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार बनाने के दौरान राजनीतिक नेताओं के फोन टैप किए थे। उन्होंने कहा कि शुक्ला ने अवैध रूप से कॉल रिकॉर्ड तैयार किया था, इसलिए सजा के रूप में उनका ट्रांस्फर किया गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पत्र में उल्लिखित अधिकांश अधिकारियों का ट्रांस्फर हुआ ही नहीं।
अनिल देशमुख मामले में NCP का तंज- परमबीर दिल्ली में किससे मिले हमें सब पता है
परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका इस पत्र में लगाए गए आरोपों को फडणवीस ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उठाया। बाद में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट की एक याचिका में उनके स्थानांतरण के खिलाफ उठाया गया है। जिसकी सुनवाी आज होनी है। याचिका में दावा किया गया है कि देशमुख ने उन्हें हर महीने ₹100 वसूली का लक्ष्य दिया था। उन्होंने अपनी याचिका में महाराष्ट्र सरकार गृह मंत्रालय और सीबीआई को प्रतिवादी बनाते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पुलिस कमिश्नर से किए गए उनके ट्रांसफर आदेश को रद्द करने की अपील की है।
ये भी पढ़ें:
राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत को ED ने किया तलब
Sexual Assault Case: पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे Vijay Babu,...
राष्ट्रपति चुनावः यशवंत सिन्हा ने किया नामांकन, राहुल गांधी और शरद...
पंजाब में AAP सरकार का पहला बजट पेश, 300 यूनिट बिजली फ्री
कैटरीना की फिल्म PhoneBhoot का LOGO रिलीज, कल होगा एक बड़ा अनाउंसमेंट
Umang 2022: सालों बाद Shah Rukh Khan ने स्टेज पर लगाई आग, शहनाज गिल...
बागी MLA को Y+ सुरक्षा पर भड़की शिवसेना, BJP पर लगाए ये आरोप
न्यूयॉर्कः वाहन में बैठे भारतवंशी युवक की गोली मारकर हत्या
Ek Villain Returns first look: 8 साल के बाद आखिरकार विलेन हुआ बेनकाब
Alia Bhatt Pregnant: मां बनेने वाली हैं Alia Bhatt, शेयर की ये...