नई दिल्ली/ सुनील पांडेय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विस्तार को लेकर अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। मंत्रिपरिषद विस्तार की तारीखों का ऐलान तो अभी नहीं हुआ है, लेकिन, इस सप्ताह (संभवत: बुधवार को) हो जाएगा, ऐसा माना जा रहा है। भाजपा के शीर्ष स्तर पर इसकी कवायद भी शुरू हो गई है। मंत्री कौन- कौन बन सकता है इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
नए मंत्रिपरिषद में 17 से 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं। कहा जा रहा है कि जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए तरजीह दी जाएगी। इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को शामिल कर एनडीए का कुनबा भी बढ़ाने की तैयारी है। खास बात यह है कि कुछ मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन में जगह दी जा सकती है। साथ ही, अतिरिक्त प्रभार और ज्यादा चेहरे भी शामिल होंगे।
बता दें कि मोदी सरकार बनी थी तब कुल 57 मंत्री बनाए गए थे। इनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 24 राज्यमंत्री शामिल थे। हालांकि इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। शिवसेना एवं अकाली दल अब गठबंधन से अलग हो चुका है। रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई है। एक राज्यमंत्री का भी निधन हुआ। इस प्रकार अभी केवल 53 मंत्री ही हैं जबकि संविधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या 81 तक हो सकती है।
बीते एक साल से करोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई थी, लेकिन अब टीम को बढ़ाने की तैयारी है। सहयोगी दलों में अकेले आरपीआई के रामदास आठवले राज्य मंत्री हैं। ऐसे में कुछ और सहयोगी दलों को भी जगह दी जा सकती है। जदयू, अन्नाद्रमुक, अपना दल और लोजपा के नए धड़े को भी जगह मिल सकती है।
6 मंत्रियों के पास 3 से 4 मंत्रालय मोदी सरकार में शामिल आधा दर्जन मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास 3 से 4 मंत्रालय हैं। मसलन, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास 4 मंत्रालय (ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण) हैं। इसी प्रकार रविशंकर प्रसाद, डॉ हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी तीन मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे हैं।
इसके अलावा बीमार चल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीपाद नायक का आयुष मंत्रालय का कामकाज किरण रिजिजू देख रहे हैं। रिजिजू के पास खेल और युवा मंत्रालय पहले से ही है। स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री प्रह्लाद पटेल के पास संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय हैं, जबकि हरदीप सिंह पुरी आवास और शहरी विकास के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी देख रहे हैं। नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और धर्मेंद्र प्रधान के पास दो मत्रालय हैं।
यूपी पर रहेगा ज्यादा फोकस देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 8 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर भाजपा अभी से मैदान में उतर चुकी है। सूत्रों का दावा है कि यूपी से 5 मंत्री बनाए जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश में चुनावों को देखते हुए जातीय और वर्गीय संतुलन साधने के लिए ब्राह्मण चेहरे के रूप में प्रदेश की पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी और सासंद रमापति राम त्रिपाठी में से किसी एक को लिया जा सकता है।
इसके अलावा युवा चेहरों के नाम पर कई बार के सांसद वरुण गांधी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। दलित चेहरे के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया और सहयोगी दलों में अपना दल की अनुप्रिया पटेल को शामिल किए जाने की चर्चा है।
जिनकी हैं संभावनाएं
सर्वानंद सोनोवाल, सुशील मोदी, तीरथ सिंह रावत, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरुण गांधी, अनुप्रिया पटेल, रामशंकर कठेरिया, बैजयंत पांडा, राकेश सिंह, नारायण राणे, हिना गावित, संध्या राय, सुनीता दुग्गल, आरसीपी सिंह।
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