नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 9 अन्य विधायकों को कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद सिसोदिया ने केंद्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि ये झूठा केस पीएम मोदी और केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया था।
सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश में केजरीवाल सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री है इसलिए बीजेपी उनसे घबराती है। इसलिए उनके खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने पूरे केंद्र के सिस्टम को इस केस में लगाया। सभी ने देखा कि किस तरह से उनके घर और दफ्तर पर छापे मारे गए। सिसोदिया ने कहा कि आजाद हिंदुस्तान का ये पहला वाकया होगा जब किसी चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ इस प्रकार का आतंकवादी जैसा व्यवहार किया गया।
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'चुने हुए प्रधानमंत्री ने चुने हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ षड्यंत्र रचा' सिसोदिया ने कहा कि ये कहा जा सकता है कि आजाद हिंदुस्तान में पहली बार किसी चुने हुए प्रधानमंत्री ने चुने हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ इस प्रकार का षड्यंत्र रचा। दिल्ली सरकार को पूरे 6 महीने तक काम नहीं करने दिया गया। दिल्ली सरकार के अधिकारियों को सरकार के ही खिलाफ लड़ने पर मजबूर किया गया। दिल्ली की जनता का कामकाज ठप्प कर दिया गया।
'यह न्याय और सच्चाई की जीत का दिन' सिसोदिया ने कहा कि यह न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में सभी आरोप झूठे और निराधार थे, सीएम को आज उस झूठे मामले में बरी कर दिया गया। हम कह रहे थे कि आरोप झूठे थे। सीएम के खिलाफ साजिश रची गई थी। ये साजिश पीएम मोदी और केंद्र की बीजेपी सरकार के इशारे पर रची गई थी। उनके इशारे पर दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मारपीट का एक झूठा मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद उनके घर पर और दफ्तर में छापे मारे गए।
सिसोदिया ने कहा कि आज अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि ये मुकदमा झूठा था और इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये मुकदमा एक चुनी हुई लोकप्रिय सरकार को बदमान करने के लिए रची गई साजिश थी।
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दो विधायकों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 9 अन्य विधायकों को बरी कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में आप के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
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