नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राजधानी की सीमा पर किसान नये कृषि कानून (New Farm Law) के विरोध में काफी लंबे समय से डटे हुए हैं, किसान नेता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। राष्ट्रीय किसान संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) काफी लंबे समय किसान महापंचायतों में जा कर किसानों को एकजुट कर रहें हैं, ऐसे में इस क्रम में अब राकेश टिकैत पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों को संगठित करेंगे। बलिया में सिकंदरपुर के चेतन किशोर मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन किय गया है जिसमें पहली बार राष्ट्रीय किसान संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत शिरकत करेंगे, साथ ही राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा समेत कई बड़ा किसान नेता वहां मौजूद होंगे।
बलिया में होने जा रही किसान महापंचायत में लाखों की संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत दिल्ली से हवाई यात्रा कर बनारस जाएंगे, जहां से वह सड़क मार्ग के जरिए बलिया पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत गाजीपुर के रास्ते बलिया पहुंचेगे।
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष जारी बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया है। भारतीय प्रशासिनक सेवा के पूर्व अधिकारी विजय शंकर पांडे ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों की पिछले दिनों हुई एक बैठक में किसानों का आह्वान किया गया कि वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखें और अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दबाव डालें।
अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत उन्होंने बताया कि बैठक में सरदार वी. एम. सिंह के राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन तथा कुछ अन्य किसान संगठनों से मिलकर बने उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा के समर्थन का ऐलान किया गया। पांडे ने बताया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने में मदद के लिए पूर्व सिविल सेवक और अन्य प्रमुख व्यक्ति जिलों को क्लस्टर में बांटकर पर्यवेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किए जाएंगे। ये पूर्व अधिकारी बिचौलियों को खत्म करने के लिए जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
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उपज की बिक्री के लिए जिला प्रशासन से बात उन्होंने बताया कि ये पूर्व अधिकारी विभिन्न किसान संगठनों और निकायों के साथ बातचीत करेंगे और 15 मार्च से जिलों का दौरा करेंगे, गांवों में स्थिति का जायजा लेंगे और उपज की बिक्री के लिए जिला प्रशासन से बात करेंगे। इस बीच वी. एम. सिंह ने सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों के समर्थन के लिए उनका धन्यवाद देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है बल्कि उसका स्वरूप बदल गया है।
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