नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बीच किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे चुनावी प्रदेश पश्चिम बंगाल में भी सभाएं करेंगे। वहीं एक किसान नेता ने संकेत दिया कि वे जनता से ऐसे लोगों को वोट नहीं देने को कहेंगे जो ‘‘हमारी आजीविका छीन रहे हैं।’’ किसान नेताओं ने यहां गढ़ी सांपला में किसान महापंचायत से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कि कई अन्य राज्यों की तरह वे जल्दी ही पश्चिम बंगाल का भी दौरा करेंगे। माना जा रहा है कि अगर किसान आंदोलन चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में रफ्तार पकड़ेगा तो इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है।
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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम पूरे देश का दौरा करेंगे, हम पश्चिम बंगाल भी जाएंगे। पश्चिम बंगाल में भी किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हें अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं।’’ उन्होंने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा, 'हम देश भर में पंचायतों का आयोजन करेंगे। हम गुजरात, महाराष्ट्र, अन्य स्थानों पर जाएंगे... हम पश्चिम बंगाल जाएंगे और वहां भी एक बड़ी सभा करेंगे। पश्चिम बंगाल के किसान राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र के साथ कुछ समस्याओं का सामना कर रहा है। हम वहां भी एक पंचायत आयोजित करेंगे।'
यह पूछे जाने पर कि क्या यात्रा पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़ी होगी, टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, 'यह मामला नहीं है, हम किसानों के मुद्दों को लेकर वहां जाएंगे।' हालांकि, हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने महापंचायत को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि वे पंचायत से संसद तक के चुनाव में ऐसी किसी व्यक्ति को वोट नहीं दें जो प्रदर्शनकारी किसानों की मदद नहीं करते हैं और उनके आंदोलन को समर्थन नहीं देते।
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बाद में टिकैत और कुछ अन्य किसान नेताओं के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए चढूनी ने कहा, 'जहां तक पश्चिम बंगाल का संबंध है, अगर भाजपा के लोग हार जाते हैं, तभी हमारा आंदोलन सफल होगा। पश्चिम बंगाल में भी लोग कृषि पर निर्भर हैं। हम वहां जाएंगे और किसानों से आग्रह करेंगे कि वे उन्हें वोट नहीं दें जो हमारी आजीविका छीन रहे हैं।’’ टिकैत ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे 40 नेता पूरे देश का दौरा करेंगे ताकि आंदोलन को समर्थन मिले।
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चढूनी ने कहा कि सरकारें लोगों से ऊपर नहीं हैं और उन्हें आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें तब तक लडऩा है जब तक हमें अपने अधिकार नहीं प्राप्त हो जाते, भले ही इसका मतलब अंतिम सांस तक लडऩा हो।’’ इससे पहले, टिकैत, पंजाब से बीकेयू नेता बलबीर सिंह राजेवाल सहित अन्य किसान नेताओं ने गढ़ी सांपला में सर छोटू राम को श्रद्धांजलि दी।
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