नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की दूसरी सालगिरह के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में 26 नवंबर को 'राजभवन मार्च' की और कूच करने का ऐलान किया है।
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संयुक्त किसान संगठन ने अपने बयान में कहा कि किसान देशभर के राजभवन मार्च और ज्ञापन को अंतिम रूप देने की लिए 14 नवंबर को दिल्ली में एक बड़ी बैठक का आयोजन करेगा। बता दें कि राजभवन तक देशव्यापी मार्च आयोजित करने का आह्वान एसकेएम समन्वय समिति और मसौदा कमेटी की बैठक में किया गया था।
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इस बैठक में किसान नेता हन्नान मोल्ला, दर्शन पाल, युद्धवीर सिंह, मेधा पाटकर, राजाराम सिंह, अतुल कुमार अंजन, सत्यवान, अशोक धवले, अविक साहा, सुखदेव सिंह, रमिंदर सिंह, विकास शिशिर और डॉ. सुनीलम शामिल थे। किसान संगठनों ने वन संरक्षण अधिनियम के नियमों में किए जा रहे बदलावों की आलोचना की। उन्होंने 15 नवंबर को शहीद बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाले आदिवासी संगठनों के साथ एकजुटता बढ़ाने का भी फैसला किया।
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