नई दिल्ली, 26 जनवरी (अनामिका सिंह): टैक्टर मार्च के नाम पर उपद्रवी किसानों की भीड जैसे ही लालकिला के लाहौरी गेट से होती हुई रैम्पट की ओर बढी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कर्मचारियों, सीआईएसएफ के जवानों व दिल्ली पुलिस ने क्विक एक्शन लेते हुए छत्ता बाजार के दरवाजे को बंद करवा दिया। इस मुस्तैदी के चलते लालकिला परिसर को बढा नुकसान होने से बचा लिया गया। बावजूद इसके उपद्रवियों ने रैम्पट पर चढकर झंडा फहराने में कामयाबी हासिल कर ली।
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बता दें कि 26 जनवरी को दोपहर के समय उपद्रवी किसानों की भीड टैªक्टर मार्च लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा लाहौरी गेट के एंट्रेंस पर लगाए गए बैरिकेटिंग को तोडते हुए लालकिला मैदान तक जा पहुंची। उन्होंने वहां बने टिकट काउंटर के शीशों को तोडना शुरू कर दिया और हाथों में झंडा लेकर नारेबाजी करते हुए लाहौरी गेट से लालकिले के भीतर पहुंच गए। माहौल बिगडता देख तभी आनन-फानन में लालकिला में तैनात एएसआई के अधिकारियों-कर्मचारियों ने दिल्ली पुलिस व सीआईएसएफ के जवानों के साथ मिलकर छत्ता बाजार का दरवाजा बंद करने में कामयाबी हासिल कर ली थी।
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जिससे भरपूर कोशिशों के बाद भी उपद्रवी लालकिले के मुख्य परिसर जहां म्यूजियम, महल व अन्य पुरातात्विक इमारतें मौजूद हैं वहां प्रवेश कर पाने में नाकामयाब रहे। उपद्रवियों ने लालकिला के रैम्पट व गुंबदों पर चढकर हंगामा शुरू कर दिया। दरअसल इस प्रकार की घटना की कोई पूर्व जानकारी ना होने की वजह से एएसआई व अन्य सुरक्षा एजेंसियां इसके लिए तैयार नहीं थीं, ऐसे में एएसआई के सामने एक ही रास्ता था कि कैसे उपद्रवियों को अंदर आने से रोका जा सके।
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ऐसा मंजर कि लगा सबकुछ हो जाएगा खत्म एएसआई के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही उपद्रवियों ने टैªक्टर लेकर लालकिला परिसर पर धावा बोला तो उन्हें लगा कि पिछले कई सालों से लालकिला को खूबसूरत बनाने की जो मेहनत की जा रही है वो सबकुछ कहीं एक झटके में खत्म ना हो जाए। काफी देर तक दरवाजा बंद करने के बाद एएसआई के किसी अधिकारी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो यह देखने जा सके कि कितना नुकसान पहुंचा है। वहीं पुलिसवालों ने एएसआई के अधिकारियों व कर्मचारियों को अंदर रहने की हिदायत पहले ही दे रखी थी।
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बच गई लालकिला मैदान में खडी झांकियां एएसआई के अनुसार लालकिला मैदान में खडी झांकियों को लेकर उन्हें चिंता सता रही थी, जिसे हर साल 26 जनवरी की परेड के बाद कई दिनों तक चलने वाले भारत पर्व के लिए रखा जाता है और दूर-दूर से लोग झांकियों को देखने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन उपद्रवियों ने यहां रखी किसी भी झांकी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था।
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