Monday, Mar 20, 2023
-->
farmer unions postpone decision on letter of modi bjp govt for talks rkdsnt

किसान यूनियनों ने वार्ता के लिए केंद्र के पत्र पर अपना फैसला टाला

  • Updated on 12/22/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने मंगलवार को कहा कि आगे की बातचीत के लिए केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया गया है। इस बीच किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अडिग हैं। किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार विमर्श किया। 

AAP सांसद बोले- काला कृषि कानून किसानों के लिए नहीं, अडानी के लिए बनाया है

उन्होंने कहा कि देश भर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा। संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें। जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।     

यूपी मॉडल के स्कूल नहीं देख पाए सिसोदिया, केजरीवाल ने सीएम योगी को दिया न्योता

केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियनों के नेताओं को पत्र लिख कर कहा था कि वे कानूनों में संशोधन के उसके पहले के प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट करें और अगले दौर की बातचीत के लिए किसी सुविधाजनक तारीख का चुनाव करें ताकि चल रहा आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सके। उल्लेखनीय है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग से पीछे हटने से किसान संगठनों के इनकार करने के बाद बने गतिरोध के बीच नौ दिसंबर को छठे दौर की वार्ता रद्द हो गयी थी। 

भारत से गोमांस का निर्यात को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

 

 

 

यहां पढ़े कोरोना से जुड़ी बड़ी खबरें...

 

 

 

comments

.
.
.
.
.