Monday, Oct 02, 2023
-->
Farmers agitating for 6 months are putting black flags today KMBSNT

6 माह से आंदोलनरत किसान आज मना रहे काला दिवस, पढ़ें क्या बोले BKU नेता टिकैत

  • Updated on 5/26/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों के आंदोलन को आज 6 महीने का समय हो गया है। आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर किसान आज काला दिवस मना रहे हैं। किसान काले झंडे लेकर सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। 

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम तिरंगा भी लेकर चल रहे हैं। अब 6 महीने हो गए हैं, लेकिन सरकार हमारी नहीं सुन रही है। इसलिए किसान काले झंडे लगा रहे हैं। ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हम COVID प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। यहां कोई नहीं आ रहा है। लोग जहां हैं वहां झंडे लगा रहे हैं। 

सुशील कुमार को क्राइम सीन की पुनर्रचना के लिए छत्रसाल स्टेडियम ले जाया गया 

काला दिवस का असर पंजाब में भी
वहीं किसानों के इस काला दिवस का असर पंजाब में भी देखने को मिल रहा है। अमृतसर के छब्बा गांव में किसानों ने आज 'ब्लैक डे' के रूप में अपने घरों और ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगा रखे हैं। किसान चाहते हैं कि सरकार एक बार फिर से उनके साथ वार्ता शुरू करे और इन कानूनों को वापस ले। 

एक फोन पर बॉर्डर पर चले आएंगे 5 हजार किसान
किसानों का डर है कि कोरोना के बहाने से उन्हें यूपी बॉर्डर से खदेड़ा जा सकता है। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिमी यूपी के कई जिलों से कुल 5 हजार किसानों की सूची बना ली है। जिनको एक फोन करने पर वो बॉर्डर पहुंच जाएंगे। राकेश टिकैत ने ये भी कहा है कि ये किसान तो केवल कैडर है। इनके पीछे हमारे लाखों किसान खड़े हैं। सरकार ये न सोचे कि हम थकर अपने गांव लौट जाएंगे। सरकार जब तक हमारी मांगे नहीं पूरी करती हम आंदोलन जारी रखेंगे। 

दिल्ली: BJP शासित MCD पर हमलावर हुई AAP, स्कूलों की खामियों पर साधा निशाना

किसानों ने लिखा पीएम मोदी को पत्र
इससे पहले बीते सप्ताह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए “तत्काल हस्तक्षेप” करने की मांग की। एक ईमेल में, संयुक्त किसान मोर्चा ने लिखा है कि श्रीमान प्रधान मंत्री, यह पत्र आपको याद दिलाने के लिए है कि, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सरकार के प्रमुख के रूप में, किसानों के साथ एक गंभीर और ईमानदार बातचीत को फिर से शुरू करने का दायित्व आप पर है। 

 

comments

.
.
.
.
.