नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सिंघू बॉर्डर पर किसानों और खुद के स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के एक बड़े समूह के बीच शुक्रवार को झड़प हो गई, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य प्रदर्शन स्थलों में शामिल सिंघू बॉर्डर पर हुई झड़प के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव भी किया। एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस के अलीपुर थाना प्रभारी (एसएचओ) प्रदीप पालीवाल पर तलवार से हमला किया, जिससे वह घायल हो गये। साथ ही, कुछ अन्य लोग भी घायल हुए हैं।
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अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है। स्थानीय निवासी होने का दावा कर रहे लोगों का समूह सिंघू बॉर्डर को खाली कराने के लिए वहां पहुंचा था। इन लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने (प्रदर्शनकारी किसानों ने) गणतंत्र दिवस पर ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के दौरान राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
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डंडों से लैस स्थानीय लोगों का समूह प्रदर्शन स्थल पर पहुंचा और किसानों के खिलाफ नारे लगाते हुए उनसे वहां से जाने को कहा। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव भी किये। सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर काफी हद तक बाहर से प्रवेश रोका गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का प्रतिरोध करने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी वहां आ रहे थे। हालांकि, किसान यूनियन के स्वयंसेवियों ने उन्हें फौरन रोक दिया, जिससे स्थिति ज्यादा उग्र नहीं हो पाई।
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A good reporter on the ground at Singhu Border (India Today TV) reported that the stones were being thrown at the farmers by goons from the other side of the border while police in riot gear was watching w/o doing anything. She was later told by her bosses not to be hyperbolic! pic.twitter.com/763vMatbma — Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 29, 2021
A good reporter on the ground at Singhu Border (India Today TV) reported that the stones were being thrown at the farmers by goons from the other side of the border while police in riot gear was watching w/o doing anything. She was later told by her bosses not to be hyperbolic! pic.twitter.com/763vMatbma
पंजाब के रहने वाले हरकीरत मान बेनीवाल (21) ने कहा, ‘‘वे स्थानीय लोग नहीं हैं, बल्कि भाड़े पर बुलाये गये गुंडे हैं। वे लोग हम पर पथराव कर रहे थे और पेट्रोल बम फेंक रहे थे। उन्होंने हमारी ट्रॉली भी जलाने की कोशिश की। हम उनका प्रतिरोध करने के लिए यहां हैं।’’ गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसान संघों की ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। कई प्रदर्शनकारी लाल किला पहुंच गये थे और इस ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गये। कुछ प्रदर्शनकारियों ने इसकी प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी लगाया, जहां देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करते हैं।
किसान प्रदर्शन: फोरेंसिक टीम गाजीपुर बॉर्डर पहुंची किसानों की ट्रैक्टर परेड के हिंसक हो जाने के तीन दिन बाद फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की एक टीम शुक्रवार को दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंची। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिंसा में 394 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे । ट्रैक्टर परेड के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि टीम गाजीपुर बॉर्डर पर फोरेंसिक सबूत एकत्र कर रही है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया और गणतंत्र दिवस की हिंसा के पीछे साजिश की जांच करने की घोषणा की।
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पुलिस वालों का तो पता नहीं, पर पीटने वाला कम से कम आतंकी नहीं था, वर्ना पुलिस उसे यूँ अधमरा ना छोड़ती... :(#SinghuBorder https://t.co/0akxElSK4f — Alka Lamba - अल्का लाम्बा 🇮🇳🙏 (@LambaAlka) January 29, 2021
पुलिस वालों का तो पता नहीं, पर पीटने वाला कम से कम आतंकी नहीं था, वर्ना पुलिस उसे यूँ अधमरा ना छोड़ती... :(#SinghuBorder https://t.co/0akxElSK4f
पुलिस ने हिंसा के संबंध में अब तक 33 प्राथमिकी दर्ज की हैं। उन्होंने कहा कि 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है, जिनमें अधिकतर किसान नेता शामिल हैं। टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर शुक्रवार को भारी संख्या में पुलिस र्किमयों की तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल को भी इन जगहों पर तैनात किया गया है।
14 और जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित हरियाणा सरकार ने किसानों के आंदोलन के मद्देनजर किसी गड़बडी को रोकने के उद्देश्य से राज्य के 14 और जिलों में 30 जनवरी की शाम पांच बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित रखने के शुक्रवार को आदेश जारी किए। गृह विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि वॉयस कॉल को छोड़कर शनिवार शाम पांच बजे तक अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित रहेंगी।
इस विडियो को ध्यान से देखिये भाजपा प्रायोजित पत्थर बाज़ी पर कैसे मूक दर्शक बनी है पुलिस? क्या अब भी कोई शक है कि लाल क़िले की हिंसा भाजपा की साज़िश थी? https://t.co/YqTawzYlY4 — Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 29, 2021
इस विडियो को ध्यान से देखिये भाजपा प्रायोजित पत्थर बाज़ी पर कैसे मूक दर्शक बनी है पुलिस? क्या अब भी कोई शक है कि लाल क़िले की हिंसा भाजपा की साज़िश थी? https://t.co/YqTawzYlY4
सरकार ने मंगलवार को सोनीपत, झज्जर और पलवल जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का आदेश दिया था। आदेश के अनुसार इन तीन जिलों में भी शनिवार शाम पांच बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। हरियाणा सरकार ने आदेश में कहा है कि वॉयस कॉल को छोड़कर अगले 24 घंटे के लिए 30 जनवरी शाम पांच बजे तक दूरसंचार सेवाएं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रीचार्ज को छोड़कर), सभी डोंगल सेवाएं (मोबाइल नेटवर्क संबंधी) इत्यादि इन 14 जिलों में निलंबित रहेंगी तथा सोनीपत, पलवल और झज्जर में निलंबन अवधि विस्तारित की गई है।
मुजफ्फरनगर में हजारों किसानों ने महापंचायत में शिरकत केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन के समर्थन में हजारों किसानों ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत में हिस्सा लिया। गाजीपुर में बीकेयू के नेता राकेश टिकैत के रोने और वहां दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों को स्थानीय प्रशासन द्वारा जबरन हटाने की आशंकाओं के एक दिन बाद पश्चिम उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में भारी संख्या में लोग एकजुट हुए।
महावीर चौक के पास जीआईसी मैदान खचाखच भरा हुआ था। लोग गाजीपुर में यूपी गेट पर प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए एकजुट हुए थे। शहर की सड़कों पर सैकड़ों ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लहरा रहे थे। इस कारण यातायात बाधित रहा। क्षेत्र के किसानों के मुजफ्फरनगर सम्मेलन को देखते हुए राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख अजित सिंह ने भी बीकेयू को समर्थन दिया और उनके पुत्र जयंत चौधरी ने भी महापंचायत में हिस्सा लिया।
पार्टी के उपाध्यक्ष चौधरी ने कहा कि आरएलडी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत से बात की। किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के दोनों बेटे बीकेयू का नेतृत्व कर रहे हैं। गाजीपुर में हुई घटनाओं को लेकर बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने महापंचायत बुलाई थी।
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