नई दिल्ली/टीम डिजीटल। तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को किसानों ने वादा खिलाफी दिवस मनाया और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए , राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान करीब 12 बजे जिला मुख्यालय पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी विजेन्द्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के खत्म होते वक्त सरकार ने कई वादे किए थे। जिन्हें सरकार अब पूरा नहीं कर रही है। इसी के विरोध में सोमवार को वादा खिलाफी दिवस मनाया गया और एक 6 सूत्रीय ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम सौंपा।
भाकियू जिलाध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने वादा किया था कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकद्दमे वापस लिए जाएंगे। लेकिन केवल हरियाणा सरकार ने ही केवल इस मामले में कागजी कार्यवाही की है। उल्टा किसानों को अभी भी समन भेजे जा रहे हैं। मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा देने घोषणा थी। लखीमपुर की घटना में साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी अभी तक केन्द्रीय मंत्रीमंडल का हिस्सा हैं। घटना के गवाहों को सुरक्षा नहीं दी गई। जैव विविधता कानून में संशोधन से किसान की जैविक संपदा को खतरा है। किसानों ने कहा कि अगर सरकार नहीं मानी तो वह फिर से आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। इस दौरान प्रदर्शन करने वालों में गुलवीर सिंह, प्रवीप मलिक, सुभाष कुमार, महेन्द्र सिंह, वेदपाल मुखिया, परमेन्द्र आर्य, सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।
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