नई दिल्ली/टीम डिजिटल। 13 दिन से लगातार दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों (New farm Laws) को रद्द करने की मांग को लेकर बैठे किसानों ने सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी को लिखित में देने के प्रस्ताव को मानने से साफ इनकार कर दिया है। किसानों ने साफ कर दिया है कि वो कानूनों को रद्द करने के अलावा और किसी बात पर नहीं मानने वाले हैं। प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद आगे की रणनीति के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
इस मुलाकात के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। दूसरी ओर किसानों ने अब अपना आंदोलन और तेज करते हुए 12 दिसम्बर को सभी टोल फ्री करने और इसी दिन दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने का फैसला लिया है। किसानों ने रिलायंस के जिओ का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
मोदी सरकार पर सख्त राहुल गांधी बोले - किसानों के पीछे खड़ा है पूरा विपक्ष
किसानों की मुख्य मांग के विषय में सरकारी प्रस्ताव में कोई जिक्र नहीं सरकार की ओर से किसानों को भेजे गए प्रस्ताव में सात मुद्दों पर आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन कानूनों को वापस लेने की आंदोलनकारी किसानों की मुख्य मांग के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है। एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने की किसानों की मांग को भी सरकार ने ठुकरा दिया है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल की तरफ से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों की जो आपत्तियां हैं, उस पर सरकार खुले दिल से विचार करने के लिए तैयार है।
किसान संगठनों से आंदोलन समाप्त करने की अपील इसी के साथ सरकार ने किसान संगठनों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की है। मसौदा प्रस्ताव 13 कृषक संगठन नेताओं को भेजा गया है, जिनमें बीकेयू (एकता उगराहां) के जोगिंदर सिहं उगराहां भी शामिल है। ये वही संगठन हैं, जिन्हें मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने वार्ता के लिए बुलाया था। हालांकि यह वार्ता भी बेनतीजा ही रही। किसान तों कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर राजी नहीं हुए, जबकि शाह उन्हें संशोधन के लिए मनाते रहे।
बुधवार को सरकार से मिले लिखित प्रस्ताव पर किसानों ने सिंघु बार्डर पर अपनी बैठक की, जिसमें सरकार के लिखित मसौदा प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने साफ कहा कि तीनों कानून सरकार वापस ले, इससे कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। किसानों ने अपने संघर्ष को और तेज करने का फैसला लेते हुए कहा कि आगे की वार्ता के लिए सरकार अगर आमंत्रित करती है तो परिस्थितियों के अनुसार फैसला लिया जाएगा।
मोदी सरकार ने किसानों को अपने प्रस्ताव में क्या दिया है भरोसा, जानिए पूरी डिटेल
12 दिसम्बर को इन स्थानों पर दिखेगा किसानों का दम अब किसानों ने 12 दिसम्बर को दिल्ली-जयपुर हाईवे, दिल्ली-आगरा एकसप्रेस वे को बंद करने और इसी दिन देश के सभी टोल प्लाजा को एक दिन के लिए फ्री करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही भाजपा के सभी मंत्रियों का घेराव करेंगे और उनका बहिष्कार करेंगे। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 दिसम्बर को किसान धरना देंगे। जो धरना नहीं देगा, वह दिल्ली कूच करेगा। साथ ही किसानों ने अडानी-अंबानी का भी विरोध करेगा औऱ जिओ जैसे उनके बाकी उत्पादों का बहिष्कार करेगा।
ये भी पढ़े...
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
RBI ने 1,514 शहरी सहकारी बैंकों के लिए 4 कदम उठाए
अंतरराष्ट्रीय रैफरी जगबीर बोले- महिला पहलवानों के प्रति बृजभूषण का...
उमर खालिद के जेल में 1000 दिन : समर्थन में जुटे बड़ी संख्या में लोग
PM मोदी की डिग्री पर केजरीवाल की पुनर्विचार याचिका हुई विचारार्थ...
CBI ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए SIT का किया गठन
भाजपा के लोग असुरों से कम नहीं : प्रोफेसर राम गोपाल यादव
केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आगामी AAP की 'महारैली' की तैयारियों में...
JNU परिसर में छात्राओं से छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश के मामले में एक और...
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के पंजीकरण के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के...
दिल्ली पुलिस जांच के लिए महिला पहलवान को ले गई बृजभूषण के दिल्ली...