नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। किसानों और केंद्र की मोदी सरकार के बीच आज दोपहर दो बजे से अहम वार्ता होने जा रही है। इसमें नए कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही रेल मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान पर भी स्पष्टीकरण लिया जाएगा, जिसमें वे 40 किसान संगठनों के समर्थन और राकेश टिकैट को धमकाने के लहजे में बात करते नजर आए हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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नए कानूनों की प्रतियां जलाकर मनेगी लोहड़ी दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने रविवार को कहा कि वे 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे। उन्होंने कहा कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर 23 जनवरी को‘‘आजाद हिंद किसान दिवस‘’के रूप में मनाएंगे। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा,‘’हम 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे।‘‘ साथ ही राय ने लोगों से अपील की कि वे छह से लेकर 20 जनवरी तक किसानों के समर्थन में देशभर में धरना-प्रदर्शन आयोजित करें।
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अन्य किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा,‘’हमारे प्रदर्शन का आज 37वां दिन है। सरकार को अपना हठ छोडऩा चाहिए। इन परिस्थितयों में बुजुर्गों समेत किसान धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार को इस बारे में कोई ङ्क्षचता नहीं है।‘‘ किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा,‘’तापमान गिरने के साथ ही हमने वाटरप्रूफ टेंट के इंतजाम किए हैं। हम गरम पानी और कंबल की उपलब्ध्ता के लिए भी प्रयासरत हैं। करीब एक हजार महिलाओं के ठहरने के लिए टेंट और बिस्तर के इंतजाम किए गए हैं।‘‘
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प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन की मौत केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे किसानों में से टिकरी बॉर्डर पर एक जबकि कुंडली बॉर्डर पर दो किसानों की कथित रूप से ठंड लगने से मौत हो गई। कुंडली के थाना प्रभारी रविकुमार ने बताया कि कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आये दो पंजाब निवासियों बलबीर सिंह गोहाना और निर्भय सिंह की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि युधिष्ठर सिंह नामक एक किसान को दिल का दौरान पडऩे के बाद नाजुक हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है।
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पुलिस को आशंका है कि किसानों की मौत सर्दी लगने से हृदयाघात के कारण हुई है। मौत के वास्तविक कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद हो हो सकेगी। वहीं टिकरी बॉर्डर पर जमे किसानों में से एक जींद निवासी जगबीर (66) की शनिवार की रात मौत हो गई। मौत का कारण ठंड से ह्रदय गति रूकना बताया गया है।
बारिश के बीच सिंघू बॉर्डर पर महिला कबड्डी का आयोजन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रमुख प्रदर्शन स्थल और दिल्ली की सीमा पर स्थित सिंघू बार्डर रविवार को महिला कबड्डी प्रतियोगिता के लिए एक मैदान में तब्दील हो गया, जहां कड़ाके की ठंड के बीच हुई बारिश भी उनके इस जज़्बे को कम नहीं कर पाई। कुल 12 महिला टीमों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जो पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ था। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह (55) ने कहा कि महिलाएं इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खुद ही आगे आईं।
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पंजाब के तरन तारन जिले के रहने वाले सिंह ने कहा, ‘‘विभिन्न राज्यों की टीमें आईं और हमसे कहा कि वे एक कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहते हैं। हमनें सिंघू बॉर्डर पर लोगों को सक्रिय रखने के लिए प्रत्येक दिन के लिए विभिन्न गतिविधियों की योजना बना रखी है। ’’ सुखविंदर ने कहा कि विजेता टीम को 2,100 रुपये और उप-विजेता टीम को 1,100 रुपये मिलेंगे। पुरस्कार की घोषणा उन लोगों द्वारा की जाएगी, जिन्होंने यह राशि चंदा में दी है। रविवार सुबह भारी बारिश ने राष्ट्रीय राजधानी को सराबोर कर दिया, विभिन्न स्थानों पर जलजमाव हो गया और प्रदर्शन स्थल भी इससे अछूते नहीं रहे। हालांकि, बारिश का प्रतियोगिता पर असर नहीं पड़ा।
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हरियाणा के जींद जिला निवासी एवं प्रतियोगिता के मुख्य कोच जगबीर सिंह ने कहा कि ज्यादातर खिलाड़ी कॉलेज की छात्राएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की टीमों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। हम सभी लोग यहां किसानों का समर्थन करने आए हैं। प्रतियोगिता का समापन आज ही हो जाएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कुछ खिलाड़ी भी हैं।’’ प्रदर्शन स्थल पर डेरा डाले किसानों ने प्रतियोगिता शुरू होने पर खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाया। रितिका दलाल नाम की एक खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से खेला है। मैच अच्छा रहा, हालांकि हम जीत नहीं सकें। मेरा परिवार बहुत सहयोगी है और उन्होंने यहां मैच में शामिल होने की अनुमति दी। ’’
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