नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठन तीन महिनों से ज्यादा समय से नए कृषि कानून (New Farm Law) के खिलाफ आदोलन कर रहे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बूटा सिंह (Buta Singh) बुर्जगिल ने बुधवार को कहा कि किसान और व्यापार संघ मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
Farmer unions call for 'Bharat bandh' on March 26 when their agitation against Centre's farm laws completes 4 months — Press Trust of India (@PTI_News) March 10, 2021
Farmer unions call for 'Bharat bandh' on March 26 when their agitation against Centre's farm laws completes 4 months
बूटा सिंह ने सिंघू बॉर्डर पर कहा कि हम आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर 26 मार्च को पूर्ण रूप से भारत बंद का पालन करेंगे। उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण बंद सुबह से शाम तक रहेगा और किसान 19 मार्च को 'मंडी बचाओ-खेती बचाओ' दिवस मनाएंगे।
नरेंद्र टिकैत ने कही ये बात बता दें कि किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत के पुत्र नरेंद्र टिकैत ने कहा है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शेष साढ़े तीन साल तक दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहने को तैयार हैं। नरेंद्र उनके पिता द्वारा 1986 में गठित भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) में किसी आधिकारिक पद पर नहीं है और ज्यादातर परिवार की कृषि गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन किसानों से संबंधित मुद्दों पर वह उतने ही मुखर है जितने कि उनके दो बड़े भाई नरेश और राकेश टिकैत।
आंदोलन का पिछले 100 दिनों से अधिक समय से नेतृत्व नरेश टिकैत और राकेश टिकैत इन कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन का पिछले 100 दिनों से अधिक समय से नेतृत्व कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली में स्थित अपने आवास पर 45 वर्षीय नरेंद्र ने कहा कि उनके दो भाइयों सहित पूरा टिकैत परिवार आंदोलन से पीछे हट जायेगा यदि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ यह बात साबित कर दी जाये कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है। उन्होंने कुछ वर्गो के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि उन्होंने आंदोलन से संपत्ति और धन अर्जित किया है।
पानी और बिजली को लेकर मेरठ की घेराबंदी नरेंद्र के सबसे बड़े भाई नरेश टिकैत बीकेयू के अध्यक्ष हैं जबकि राकेश टिकैत संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में बीकेयू ने गन्ने की ऊंची कीमतों, ऋणों को रद्द करने और पानी और बिजली की दरों को कम करने की मांग को लेकर मेरठ की घेराबंदी की थी। उसी वर्ष, बीकेयू ने किसानों की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिल्ली के बोट क्लब में एक सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन किया था।
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