नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संसद में तीन कृषि कानून निरस्त होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इसे अपनी जीत करार देते हुए, एमएसपी की गारंटी, शहीदों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग रखी। पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की सोमवार को सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में घर वापसी पर सहमति बन गई है लेकिन अंतिम फैसला एक दिसम्बर को संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक होगा। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को आंदोलन खत्म हो सकता है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये काले कानून बीमारी थे, जितना जल्दी कट गए उतना जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लग जाएगी तो ये खत्म हो जाएंगे। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगे। किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री को 21 नवम्बर को लिखे पत्र का हवाला देते हुए अपनी छह मांगों को याद दिलाया और कहा कि मंगलवार तक केंद्र सरकार पत्र का जवाब दे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवम्बर को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद आज संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दोनों सदनों ने कृषि कानून निरसन विधेयक पारित कर दिया गया। तीनों कानून संसद द्वारा निरस्त होने के बाद किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि, यह हमारी जीत है।
बता दें कि करीबन 42 किसान जत्थेबंदियों ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर 26 नवम्बर 2020 से दिल्ली के टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन शुरू किया था। सोमवार को पंजाब के 32 किसान जत्थेबंदियों की बैठक में घर वापसी के लिए सहमति बन गई है लेकिन अंतिम फैसला बुधवार को होगा। मोर्चा के 42 प्रतिनिधियों की कमेटी की आपात बैठक पहले 4 दिसम्बर को प्रस्तावित थी। भारतीय किसान यूनियन के नेता हरमीत कादियान ने कहा, इस जीत के बाद हमारे पास कोई बहाना नहीं है। अब बस घर वापसी पर मोर्चा की मुहर लगनी बाकी है।
उन्होने कहा कि लोकसभा, राज्यसभा में कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं। पराली, बिजली एक्ट से किसानों को निकाल दिया गया है ये हमारी जीत है। एमएसपी पर सरकार कमेटी बनाएगी और उसके लिए केंद्र सरकार को एक दिन का वक्त दिया है। कमेटी में कितने किसान होंगे, वह कितने वक्त में फैसला लेगी ये सब साफ होना चाहिए। केंद्र सरकार मुकदमें वापस करवाए, शहीद किसानों को मुआवजा दे।
उन्होने कहा कि हमारी मांगों पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, पीयूष गोयल सहमत थे, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में ऐलान कर दें कि चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा सहित जहां भी किसानों पर मुकदमे दर्ज हैं वे वापस होंगे। उन्होने उम्मीद जताई कि सरकार पूरी तरह से झुकी है और हमारी मांगों पर आगे बढ़ेगी।
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