Friday, Jun 02, 2023
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farmers took cognizance of pm''''''''s statement, ready to talk to bjp modi government rkdsnt

किसानों ने पीएम के बयान का लिया संज्ञान, सरकार से बातचीत को तैयार

  • Updated on 1/30/2021

नई दिल्ली, नवोदय टाइम्स। ट्रैक्टर परेड के दौरान गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसात्मक घटनाओं से आहत किसान यूनियनों के नेताओं ने शनिवार को महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर उपवास रख कर सद्भावना दिवस मनाया। किसान नेताओं ने कहा कि वे अपनी चुनी हुई सरकार को मनाने के लिए दिल्ली की चौखट पर आए हैं, इसलिए सरकार से बातचीत का दरवाजा बंद करने का कोई सवाल ही नहीं है।

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नए कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी संरक्षण देने की मांग लेकर किसान बीते 67 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। इस दौरान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाला, लेकिन दुर्भाग्य से इस दौरान हिंसात्मक घटनाएं हुईं।

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इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए किसान नेताओं ने एक दिन के उपवास की घोषणा की थी। शनिवार को महात्मा गांधी के शहीद दिवस को सद्भावना दिवस के रूप में मनाते हुए किसानों ने सुबह 9 से 5 बजे तक उपवास रखा साथ ही आंदोलन के शहीद किसानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पीएम के बयान का संज्ञान लेते हुए कहा कि किसान सरकार के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।

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वहीं, देर शाम जारी एक बयान में मोर्चा के नेताओं ने सुरक्षा बलों का उपयोग कर किसान आंदोलन को खत्म करने के प्रयासों की निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस और भाजपा के गुंडों द्वारा लगातार हो रही हिंसा सरकार की बौखलाहट को साफ रूप से दिखाती है। पुलिस अमानवीय ढंग से प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों को धरना स्थलों से गिरफ्तार कर रही है। हम सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। हम उन पत्रकारों पर पुलिस के हमलों की भी निंदा करते हैं जो लगातार किसानों के विरोध को कवर कर रहे हैं।

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---सांसद-पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे वापस ले सरकारः कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जारी एक बयान में किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करने वाले कुछ वरिष्ठ पत्रकारों और अपनी पार्टी के एक सांसद पर दर्ज किए गए मुकदमे की कार्रवाई की निंदा की। सुरजेवाला ने इसे सरकार की दमनकारी नीति करार देते हुए लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसकी सरकारों के खिलाफ बोलने पर प्रशासनिक मशीनरी के जरिए उसे मसलने की कोशिश की जा रही है। यह सरकार विरोध की आवाज को हर हथकंडे अपनाकर दबाना चाहती है। देश में डर का वातावरण बनाया जा रहा है।

किसान, युवा, दलित, आदिवासी, महिला या कोई भी आम नागरिक सरकार के खिलाफ आवाज उठाए तो प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, भाजपा और उसकी ट्रोल सेना उसे राष्ट्रविरोधी करार देते हैं। कांग्रेस नेता ने पत्रकारों और सांसद के खिलाफ दर्ज मुकदमे तत्काल वापस करने की मांग की है।
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