नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली की सीमाओं (Delhi Border) पर किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Agricultural Bill ) के खिलाफ हड़ताल पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों ने एक बार फिर से सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा, साथ ही 8 दिसंबर को उनका भारत बंद भी होगा।
सरकार को कड़ा संदेश दरअसल किसान नेताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये सारी जानकारी दी है। दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर किसान संगठनों की अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने सरकार को कड़ा संदेश दिया है। किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को देश भर में बंदी और 9 दिसंबर को छठे राउंड की बातचीत को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इन संगठनों ने किसानों से दिल्ली कूच करने की अपील की है।
पीएम मोदी सूनें किसानों के 'मन की बात' प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने कहा कि वे अपनी मांगों से समझौता नहीं करेंगे। किसानों ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' सुनते रहे हैं। अब पीएम मोदी को किसानों के मन की बात सुननी चाहिए। किसान नेता जगमोहन ने कहा कि किसान नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद तय हुआ है कि हम अपनी मांगों से कोई समझौता नहीं करने वाले, मोदी के मन की बात हम सुन रहे हैं, अब उनको हमारे मन की बात सुननी है।
8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद भारत बंद किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत बंद की रूपरेखा भी रखी। किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं है बल्कि पूरे देश के किसान इसमें शामिल हैं। बलदेव सिंह निहालगढ़ ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा वहीं चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा।
12 दिन से डटें हैं किसान बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। लगभग 12 दिन से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे किसान हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच चली 5वीं बैठक भी बेनतीजा रही। इसी बीच किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है, जिसमें कई संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दल का भी समर्थन प्राप्त है।
बैंक यूनियन ने किया समर्थन इससे पहले कई बैंक यूनियनों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। यूनियनों ने सरकार ने इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का आग्रह किया है। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बयान में कहा कि सरकार को आगे आकर देश और किसानों के हित में उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए।
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