नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 42वें दिन भी लगातार जारी है। नए कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच अब तक 8वें दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन समस्या जस की तस बन हुई है। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि सात जनवरी को बड़ी संख्या में किसान यूपी गेट से पलवल तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
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9वें दौर की वार्ता 8 जनवरी को प्रस्तावित मालूम हो कि किसान और सरकार की बीच होने वाली 9वें दौर की वार्ता 8 जनवरी को प्रस्तावित है। इसके पहले सिंघू बॉर्डर पर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई, इसमें कई अहम फैसले लिए गए। इस मीटिंग में ही किसानों ने 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का निर्णय किया इसके साथ ही किसान 9 से 13 जनवरी तक संकल्प दिवस मनाएंगे।
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दो सप्ताह तक चलाया जाएगा पूरे देश में जागरूकता अभियान बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने किसानों की ओर से बताया कि 7 जनवरी को सुबह 11 बजे एक्सप्रेसवे पर किसान कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर से पलवल की तरफ, मेवात के रेवासन से पलवल की तरफ से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार, 6 जनवरी यानी आज से अगले दो सप्ताह तक पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें किसानों को तीनों कानूनों की कमियां-खामियां बताने के साथ ही इससे होने वाले नुकसानों की जानकारी दी जाएगी और किसान आंदोलन को देश के कोने-कोने में फैलाया जाएगा।
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अपनी मांगों पर अड़े किसान इस बीच किसान नेता हन्नन मोल्लाह ने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि तीनों कानून वापस हों। उन्होंने कहा कि ये कानून व्यापारियों के लिए बने हैं, उत्पादकों के लिए नहीं। सरकार हमें उत्पादक से व्यापारी बनाना चाहती है। यह हमें नहीं चाहिए। हम उत्पादक ही रहना चाहते हैं। मालूम हो कि किसान नए कृषि सुधार कानूनों की मुखालफत कर रहे हैं। बारिश और कड़कड़ाती ठंड में भी पंजाब-हरियाणा समेत पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के हजारों किसान 41 दिनों से दिल्ली की सीमाओं को घेर कर बैठे हैं। इस दौरान ठंड के चलते करीब 40 किसानों की मौत हो चुकी है और कई ने आत्महत्या कर ली है।
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