Friday, Mar 24, 2023
-->
feel the heat of june in the month of march

मार्च के महीने में हुआ जून की गर्मी का एहसास

  • Updated on 3/22/2022

नई दिल्ली/पुष्पेंद्र मिश्र। राजधानी में पहली बार बीते 10 वर्षों में मार्च महीने में तापमान 38-39 डिग्री सेंटीग्रेट गया है। राजस्थान में यह 43-44 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया है। देश के अन्य हिस्सों में पहली बार मार्च महीने में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। इससे मार्च के महीने में ही लोगों को जून की गर्मी का अहसास हो गया है।

अप्रैल के पहले हफ्ते में आयोजित की जाएगी मेगा पीटीएम

वैश्विक उत्सर्जन में तत्काल कमी लाने की है आवश्यकता : अवंतिका गोस्वामी
लोग कह रहे हैं कि जब मार्च में ही यह हाल हो गया है तो आगे कितनी गर्मी पड़ेगी ? मामले पर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के जलवायु परिवर्तन और हरित उर्जा विभाग में डिप्टी प्रोग्राम मैनेजर अवंतिका गोस्वामी ने कहा कि दिल्ली जलवायु परिवर्तन के प्रति बहुत संवेदनशील है। जैसे जैसे जलवायु संकट बिगड़ता जाएगा गर्मी की लहर और प्रचंड होती जाएगी। दिल्ली में बढ़ती गर्मी के लिए यहां के स्थानीय कारक जिम्मेदार हैं। जैसे यहां वाहनों से होने वाला प्रदूषण, कंक्रीटीकरण, हरित आवरण में लगातार हो रही कमी और शहरीकरण के कारण हो रही गर्मी प्रमुख हैं।

आईजीएनसीए में 25 से शुरू होगा ईशान मंथन, दिखेगी नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति

ग्रीन हाउस गैसों की वातावरण में बढ़ोत्तरी जलवायु परिवर्तन का कारण
इसके अलावा ग्रीन हाउस गैसों की वातावरण में बढ़ोत्तरी जलवायु परिवर्तन का कारण बनती है। जिसके परिणाम स्वरूप तापमान में अधिकता और असीमित वर्षा जैसे प्रभाव सामने आते हैं। अवंतिका ने तापमान की बढ़ोत्तरी पर कहा कि अगस्त 2021 में आईपीसीसी ने जलवायु परिवर्तन पर 65 देशों के 234 वैज्ञानिकों द्वारा 3 वर्ष तक किए गए शोध की रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि 1850 से अब तक धरती के तापमान में 1.09 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।

अक्तूबर से फरवरी के बीच दिल्ली एनसीआर रहा सबसे ज्यादा प्रदूषित : शोध

125000 सालों में बीता एक दशक रहा है सबसे अधिक गर्म
जिसमें पिछला दशक बीते 125000 सालों में सबसे ज्यादा गर्म रहा है। इसका सीधा कारण वनों का नष्ट होना और जीवाष्म ईंधन का जलाना है। इसलिए आने वाले दशकों में गर्मी और बढ़ेगी। इसलिए वैश्विक उत्सर्जन में तात्कालिक कमी की आवश्यकता है। अवंतिका गोस्वामी ने चेताते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अगर धरती के तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी हुई तो भारत को अत्यधिक वर्षा, बाढ़, सूखा और कड़ी गर्मी का सामना करना पड़ेगा।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.