Thursday, Sep 28, 2023
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अडाणी के लिए हरित बजट के विपक्ष के आरोपों को वित्त मंत्री सीतारमण ने किया खारिज

  • Updated on 2/10/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा बजट को अडाणी समूह को ध्यान में रखकर लाये जाने के विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘जीजाजी', ‘भतीजाजी' को फायदा पहुंचाने की संस्कृति कांग्रेस की रही है लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार की नहीं। सीतारमण ने वर्ष 2023-24 के बजट में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिये 35 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है। इस क्षेत्र में अडाणी समूह ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता से लेकर हरित हाइड्रोजन उत्पादन सहित अनेक परियोजनाओं की घोषणा की है।

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बजट पर निचले सदन में चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘ क्योंकि मेरा नाम लेकर विपक्ष के एक नेता ने बोला कि क्या निर्मला सीतारमण ने हरित क्षेत्र में इतनी राशि आवंटित की, क्या इतनी राशि किसी को ध्यान में रखते हुए आवंटित की गयी है ?'' सीतारमण ने कहा, ‘‘ हमारा न्यू इंडिया का सपना है और प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान सबका साथ, सबका विकास पर है। समावेशी विकास पर है। जो भी पात्र है, उसे लाभ मिलेगा।'' उन्होंने योजना में तरफदारी के आरोपों पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में तरफदारी नहीं की जाती, ऐसे बयान गलत हैं और सभी को पात्रता के आधार पर आवंटन किये जाते हैं।

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वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ रिश्तेदारों, जीजाजी, भतीजा जी को फोन पर आवंटन की संस्कृति उनकी (कांग्रेस) रही है, हमारी नहीं।'' गौरतलब है कि अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह को लेकर आरोपों के मामले में विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करने या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग कर रहे हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट कम किये जाने के विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि बजट में किसी विभाग का आवंटन कम नहीं किया गया, यह बात वह आंकड़ें रखकर बता रही हैं और यह बजट किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है।

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वित्त मंत्री ने 1983 की नेल्ली हिंसा और 1984 के सिख विरोधी दंगों का उल्लेख करते हुए तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उस समय इन घटनाओं में पीड़ित समुदायों के लिए बजट आवंटन क्या कम था, लेकिन फिर भी वे हिंसा का शिकार हो गये। उन्होंने कहा कि 1966 में दिल्ली में गोहत्या के विरोध में प्रदर्शन करने वाले साधुओं को प्रताड़ित किया गया और उस समय कांग्रेस की सरकार थी। सीतारमण ने कहा कि किसी विभाग के लिए बजट आवंटन कम होने का यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि हम किसी समुदाय के खिलाफ हैं।

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उन्होंने कहा कि किसी समुदाय के खिलाफ सरकार कैसे हो सकती है, यह कांग्रेस के शासनकाल के उपरोक्त उदाहरणों से साफ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है और वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है। चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि देश में विनियामक प्रणाली कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच जेपीसी से या इसकी न्यायिक जांच कराई जाए अथवा प्रवर्तन निदेशालय इसकी छानबीन करे। 

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