Thursday, Mar 30, 2023
-->
financial-approval-for-construction-of-7-temporary-hospitals-in-delhi-kmbsnt

दिल्ली: 7 अस्थायी अस्पतालों के निर्माण को मिली वित्तीय मंजूरी, तैयार होंगे 7 हजार ICU बेड

  • Updated on 8/11/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए राजधानी में 7 अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के लिए दिल्ली सरकार ने वित्तीय मंजूरी दे दी है। इस सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की।

इन अस्पतालों का निर्माण अगले छह महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इन अस्थाई अस्पतालों में 7000 आईसीयू बेड तैयार होंगे जो दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे का महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए मजबूत बनाएंगे। इस अस्थाई अस्पतालों का निर्माण सरिता विहार, शालीमार बाग, सुल्तानपुरी, किराड़ी, रघुवीर नगर, जीटीबी अस्पताल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में किया जाएगा।

यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के गोयल की मांग - पंजाब में अगला सीएम हिन्दू ही हो 

सभी संबंधित विभाग युद्ध स्तर पर काम करेंगे
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम वास्तव में इस परियोजना के बारे में आशावादी है। यह दिल्ली के लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधा देने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अस्पतालों को बनाने के लिए सभी संबंधित विभाग युद्ध स्तर पर काम करेंगे।

अलका लांबा पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोपी को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार 

अस्पतालों का निर्माण दीर्घकालिक दृष्टिकोण से होगा
हालांकि अस्पताल स्थाई प्रकृति के हैं, लेकिन इनका निर्माण दीर्घकालिक दृष्टिकोण से किया जा रहा है। क्योंकि वह हमारे बीच अभी काफी समय तक रहने वाला है। जैन ने कहा कि समय बचाने के लिए अस्पतालों को बहुमंजिला भवनों में चौकोर या आयताकार स्टील संरचनाओं के रूप में बनाया जाएगा।

इन संरचनाओं में कंक्रीट सीमेंट राफ्ट या पृथक नीव होगी, जो पूरी इमारत को मजबूती प्रदान करेगी। इन अस्पतालों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। इन पर करीब 10 हजार करोड़ की राशि खर्च होगी। 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.